ज्वलंत मुद्ददेप्रासंगिक मुद्दे जुर्माने से बड़ी जान है ‘साब’… by Teena Sharma Madhvi July 9, 2020 written by Teena Sharma Madhvi July 9, 2020 ‘आपको याद तो होगा एक साल पहले 19 जुलाई की शाम चार बजे जेडीए सर्किल का वो खौफनाक मंजर। जब तेज गति से आ रही एक कार ने लालबत्ती पर अपनी बाइक पर सवार दो सगे भाईयों पुनीत और विवेक पाराशर को टक्कर मार दी थी। जिससे दोनों हवा में उछलकर काफी दूर जा गिरे थे और दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी। ऐसे पुनीत और विवेक ही नहीं… बल्कि पूरे देश में ऐसे कई ऐसे युवा, बुजुर्ग, महिला और पुरुष हैं जो सड़क पर किसी दूसरे की लापरवाही का शिकार हो जाते है और इसकी कीमत उनको अपनी जान देकर चुकानी होती हैं। हमारे राज्य और देश में कई ऐसे परिवार हैं, जिनके घरों के चिराग इन सड़क हादसों की भेंट चढ़ चुके हैं। देर से ही सही, लेकिन सरकार को सुध तो आई कि उन्होंने 1 सितंबर 2019 से लागू मोटर यान संशोधन अधिनियम 2019 के तहत जुर्माना राशि निर्धारण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। जिससे अब 36 तरह के यातायात नियमों के उल्लंघन के मामलों में जुर्माना राशि बढ़ गई हैं। जिसमें शराब पीकर वाहन चलाने पर 10 हजार रुपए, खतरनाक और तेज गति से वाहन चलाने पर एक हजार रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा। इसके अलावा मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने और रेड लाइट जंप करने पर एक—एक हजार रुपए का चालान होगा। इसमें ओवरलोडिंग पर 40 हजार रुपए तक का जुर्माना भरना होगा। यह तो बात हुई बड़े बड़े यातायात नियमों के उल्लंघन की। ये भी जानें आप कि हमारे देश में हर साल सड़क हादसों में डेढ़ लाख लोगों की मौत हो जाती हैं। जिसमें सबसे ज्यादा शिकार होते हैं हमारी आने वाली पीढ़ी यानि युवा और किशोर। इस तरह हमारे राजस्थान की बात करें तो करीब दस हजार लोग हर साल सड़क हादसों में अपनी जान गवां देते हैं। पूरे देश में कोरोना का कहर अब भी बना हुआ है और ये एक महामारी के तौर पर हम सभी के बीच हैं। ऐसे ही सड़क हादसे भी किसी महामारी से कम नहीं लगते जिसका ग्राफ हर साल बढ़ा हुआ ही दिखता है। ऐसे में जब केंद्र सरकार ने जुलाई 2019 में नए मोटर यान एक्ट के प्रावधान लागू कर इन सड़क हादसों को रोकना चाहा तो राजस्थान सरकार ने इस एक्ट पर रोक लगा दी थी, यह कहते हुए कि यह जुर्माना राशि काफी भारी हैं। और पिछले एक साल से राज्य व केंद्र के बीच इसको लेकर विवाद चलता रहा। अब राजस्थान सरकार ने केंद्र से निर्धारित जुर्माने में ‘संशोधन’ करके इसे लागू तो कर दिया है। लेकिन सरकार को एक बात यह भी ध्यान में रखनी होगी कि यह बढ़ा हुआ जुर्माना किसी की जान की कीमत से बड़ा नहीं हो सकता हैं। नशे में वाहन चलाना, खतरनाक ड्राइविंग करना और तेज गति से वाहन चलाना सड़क पर चल रहे दूसरों लोगों की जान को खतरे में डालने की सोची समझी साज़िश है। वो कहते हैं ना कि ‘भय बिना प्रीत नहीं’। इसीलिए इस कानून को राज्य सरकारें सख्ती से लागू कर सख्ती से कार्रवाई करें। जिससे हमारे घरों के चिराग रोशन रहे….। 3 comments 0 FacebookTwitterPinterestEmail Teena Sharma Madhvi previous post स्कूल आ गया ‘घर’ … next post सत्ता के शेर, ड्यूटी के आगे ढेर…. Related Posts पानी पानी रे October 30, 2023 चंद्रयान-3 August 23, 2023 महिला अधिकार व सुरक्षा January 12, 2023 ‘मर्दो’ का नहीं ‘वीरों’ का है ये प्रदेश... March 10, 2022 ‘पाती’ पाठकों के नाम…. May 26, 2021 सोशल मीडिया से ‘ऑफलाइन’ का वक़्त तो नहीं….? February 27, 2021 गणतंत्र का ‘काला’ दिन.. January 26, 2021 अन्नदाता की हांफती सांसों की कीमत क्या…? December 23, 2020 वर्चुअल दुनिया में महिलाएं असुरक्षित November 3, 2020 कदम—कदम पर हाथरस… October 3, 2020 3 comments Vaidehi-वैदेही July 9, 2020 - 10:18 am सड़क हादसों के लिए कोई भी सरकार जिम्मेदार नहीं होती है । यातायात नियम बहुत पहले से ही बनाये गए हैं ,औऱ जुर्माने को लेकर होते भृष्टाचार भी आम बात है। अगर दो बालको ने नियम पालन किया किन्तु तेज़ रफ़्तार से आती कार चालक नियम का प्लान नहीं करते है ,तो ऐसे औऱ भी कई हादसे होते रहेंगे । ये बात सभी नागरिकों की जागरूकता की है। औऱ शर्मनाक भी की यहाँ हर बात का पालन सरकार को ही कार्यवाही करके लेना पड़ता है। राजस्थान की जनता के लिए सोचनीय बात है ।उन्हें खुद जाकरुक होना है या हर बात के लिए सरकार का मुंह देखना है । Reply Teena Sharma 'Madhvi' July 9, 2020 - 8:06 pm 🙏🙏🙏🙏 Reply AKHILESH April 12, 2021 - 9:47 am drive safe..be safe.. Reply Leave a Comment Cancel Reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.