ग़ज़ल निरुपमा चतुर्वेदी

कवयित्री

by teenasharma
रक्षा बंधन गीत

ग़ज़ल

लेखक व साहित्यकार श्रेणी में आज पढ़िए कवयित्री निरुपमा चतुर्वेदी ‘रूपम’ की लिखी ग़ज़ल…।  कवयित्री निरुपमा चतुर्वेदी की मुख्य विधा – ग़ज़ल, मुक्तक और गीत हैं..। इनके कई साझा संग्रह प्रकाशित हुए हैं जिनमें ‘विहंग प्रीति के'(मुक्तक-संग्रह) गीतिका है मनोरम सभी के लिए (गीतिका संग्रह), साझा गजल संग्रह, काव्य- कुंज, अल्फाज़ के गुँचे, साहित्य-कुन्दन, अधूरी ग़ज़ल आदि शामिल हैं। इन्हें ‘गीतिका श्री’, ‘मुक्तक-शिरोमणि’, ‘काव्य-श्री’, ‘साहित्य-कुन्दन’ आदि सम्मानों से नवाज़ा गया हैं। तो पढ़िए— ग़ज़ल निरुपमा चतुर्वेदी…।

 

 निरुपमा चतुर्वेदी ‘रुपम’

मुस्तक़िल हो शबाब नामुमकिन।
फूल सब हों गुलाब नामुमकिन।

मुझ सी कोई किताब नामुमकिन।
मुझको पढ़ना जनाब नामुमकिन।

कर्ज़ सबका उतार सकते हो,
माँ का चुकना हिसाब नामुमकिन। 

ज़ीस्त तुझको पढ़ा है शिद्दत से,
फिर भी छूटे न बाब नामुमकिन।

चाँद, जुगनू, चराग़ मिलकर भी,
बन सकें आफ़ताब नामुमकिन ।

ख़्वाब तो सब हसीन होते हैं,
ख़्वाब का इंतिखाब नामुमकिन।

ग़ज़ल-निरुपमा चतुर्वेदी

निरुपमा चतुर्वेदी

हारना तय है मौत से इक दिन,
इससे बचना जनाब नामुमकिन।

नश्शा चढ़कर हो दाइमी जिसका,
ऐसी कोई शराब नामुमकिन ।

दोस्त यूँ तो कई मिले ‘रूपम’
तुझ सा हो लाजवाब नामुमकिन।

समाप्त

लेखक—
निरुपमा चतुर्वेदी ‘रूपम’
जयपुर

ग़ज़ल के कुछ शब्द नीचे दिए गए है, जिनका हिन्दी अर्थ प्रस्तुत हैं—
बाब- अध्याय, पुस्तक का कोई परिच्छेद
आफ़ताब -सूर्य
इंतिख़ाब – चयन, चुनाव
दाइमी- स्थायी

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गूंगी कविता….

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 ‘प्रतीक्षा है कविता’…

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मुझे ख़ुशी हो रही है कि पाठकों की ​मांग पर ही ‘कहानी का कोना’ की ओर से ‘लेखक व साहित्यकार’ श्रृंखला—2 की शुरुआत की गई है।

इसके लिए आप सभी से अपनी रचनाएं आमंत्रित हैं। चूंकि ‘कहानी का कोना’ आपका अपना ‘कोना’ है, इसीलिए आप सभी के लिए ये मंच खुला हैं। आप चाहे स्थापित लेखक व कवि हैं या फिर अभी—अभी ही आपने लिखना शुरु किया हैं।

आप अपनी रचनाएं अवश्य भेजें…। इसका मकसद है रचनाकारों को मंच मिलें, और उनकी रचनाएं सुधि पाठकों तक पहुंचें।
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kahanikakona@gmail.com

धन्यवाद
टीना शर्मा ‘माधवी’
(एडमिन)

 

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1 comment

shailendra sharma December 16, 2022 - 4:52 am

बेहतरीन रचना

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नमस्कार,

   ‘कहानी का कोना’ में आप सभी का स्वागत हैं। ये ‘कोना’ आपका अपना ‘कोना’ है। इसमें कभी आप ख़ुद की कहानी को पाएंगे तो कभी अपनों की…। यह कहानियां कभी आपको रुलाएगी तो कभी हंसाएगी…। कभी गुदगुदाएगी तो कभी आपको ज़िंदगी के संघर्षों से लड़ने का हौंसला भी देगी। यदि आप भी कहानी, कविता व अन्य किसी विधा में लिखते हैं तो अवश्य ही लिख भेजिए। 

 

टीना शर्मा ‘माधवी’

(फाउंडर) कहानी का कोना(kahanikakona.com ) 

kahanikakona@gmail.com

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