कविता खुद के लिए जीना हिन्दी कविता by teenasharma April 20, 2023 written by teenasharma April 20, 2023 ‘कहानी का कोना’ में पढ़िए रचनाकार उषा शर्मा की लिखी ये पंक्तियां। शीर्षक हैं, खुद के लिए जीना.…। उषा शर्मा सरकारी सेवा से रिटायर हैं। इनकी पढ़ने की रुचि ने इन्हें लिखने के लिए प्रेरित किया। खुद के लिए जीना खुद के लिए कभी जीया नहीं खुद के लिए जीना आया नहीं खुद के लिए कैसे जीते हैं पता नहीं खुद के लिए जीना सोचा नहीं खुद ही जी लें कभी हुआ नहीं खुद पर रहम कभी आया नहीं उषा शर्मा ऐसा नहीं जीने की वजह नहीं खुद को जिंदा रखना है, मरना नहीं जीना है जिएंगे यह सोच भी जिंदा रही तभी तो जी गए बचपन की क्रीड़ा से, पचपन की पीड़ा तक…… अन्य रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें— हे नव-वर्ष प्रेरित करो हमें ग़ज़ल निरुपमा चतुर्वेदी कविता कविता ‘नई पौध’ hindi kavitahindipoetखुद के लिए जीनाहिन्दी कविता 0 comment 4 FacebookTwitterPinterestEmail teenasharma previous post साहित्यकार सम्मान next post ऑटिज़्म जागरुकता पर चर्चा Related Posts बंजर ही रहा दिल August 24, 2024 रक्षा बंधन गीत August 27, 2023 मीठे नीम से पिता June 18, 2023 गर लफ़्ज़ों की दहलीज होती April 23, 2023 सन्दूक January 25, 2023 ह से हिंदी January 18, 2023 हे नव-वर्ष प्रेरित करो हमें January 4, 2023 कविता दरवाज़े से जब December 18, 2022 ग़ज़ल निरुपमा चतुर्वेदी December 16, 2022 गूंगी कविता…. May 27, 2022 Leave a Comment Cancel Reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.