खुद के लिए जीना

हिन्दी कविता

by teenasharma
खुद के लिए जीना

‘कहानी का कोना’ में पढ़िए रचनाकार उषा शर्मा की लिखी ये पंक्तियां। शीर्षक हैं, खुद के लिए जीना.…। उषा शर्मा सरकारी सेवा से रिटायर हैं। इनकी पढ़ने की रुचि ने इन्हें लिखने के लिए प्रेरित किया।

खुद के लिए जीना

खुद के लिए कभी जीया नहीं
खुद के लिए जीना आया नहीं

खुद के लिए कैसे जीते हैं पता नहीं
खुद के लिए जीना सोचा नहीं

खुद ही जी लें कभी हुआ नहीं
खुद पर रहम कभी आया नहीं

खुद के लिए जीना

उषा शर्मा

ऐसा नहीं जीने की वजह नहीं
खुद को जिंदा रखना है, मरना नहीं

जीना है जिएंगे
यह सोच भी जिंदा रही

तभी तो जी गए बचपन की क्रीड़ा से,
पचपन की पीड़ा तक……

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टीना शर्मा ‘माधवी’

(फाउंडर) कहानी का कोना(kahanikakona.com ) 

kahanikakona@gmail.com

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