कहानियाँप्रासंगिकविविध रानी लक्ष्मीबाई जयंती—- by Teena Sharma Madhvi November 18, 2021 written by Teena Sharma Madhvi November 18, 2021 रानी लक्ष्मीबाई ‘खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी बुंदेलों हर बोलो के मुंह हमने सुनी कहानी थी…। याद होगी आपको ये पंक्तियां…। जिसे कवयित्री ‘सुभद्रा कुमारी चौहान’ ने रानी लक्ष्मीबाई पर लिखी थी। जिस वक़्त जिस दिन और जिस प्रहर में ये पंक्तियां लिखी जा रही होगी तब किसने सोचा था कि ये पंक्तियां आज़ादी के इतने सालों बाद भी यूं नसों में दौड़ेगी और खून में उबाल लाएगी…। लेकिन ये सच ही हैं जब भी इन पंक्तियों को पढ़ा या सुना जाता हैं तब उस बहादुर लड़की रानी लक्ष्मीबाई की तस्वीरें सामने आने लगती हैं जिसने अपने देश की ख़ातिर ख़ुद को मिटा दिया लेकिन देश का सिर झुकने नहीं दिया। आज रानी लक्ष्मीबाई की जयंती हैं…इस मौके पर ही सही पर ये पंक्तियां याद आना स्वाभाविक ही हैं…। रानी लक्ष्मीबाई ये पंक्तियां उस पूरी कहानी को शुरुआत से अंत तक बयां करती हैं जब हम ख़ुद को उसी समय में पाते हैं…..ऐसा लगता हैं मानों हम उसी क्रांति में शामिल हैं जब एक हाथ में तलवार थामें हुए और दूसरे हाथ से अपनी पीठ पर अपने बेटे को संभाले हुए ये बहादुर वीरांगना अपने देश के दुश्मनों से युद्ध लड़ रही हो। ज़रा ठहर कर सोचिए…क्या वाकई ये इतना आसान रहा होगा ...? जिसे सोचने भर से हम कांप जाते हैं उसे झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने कर दिखाया था। तो सोचिए और विचारिए क्या ये आज़ादी हमें यूं ही ‘भीख’ में मिली हैं…? क्या ये सच में इतनी सस्ती हो चली है जिसकी तुलना की जा सके…? मायने हैं इन पंक्तियों में, ‘खूब लड़ी मर्दानी, वो तो झांसी वाली रानी थी’…। बस इसे वर्तमान पीढ़ी और ‘कतिपयों’ को समझना होगा…। हमें नहीं भूलना चाहिए इतिहास के उस कड़वे सच को जिसका स्वाद हमारी पुरानी पीढ़ी ने चखा है और मिठास हमारे हिस्से में छोड़ दी हैं….। अपनी झांसी की रक्षा के लिए देश के स्वाभिमान के लिए बिजली की तरह कहर बनकर अंग्रेजों पर टूट पड़ी थी, जिसने अंग्रेजों को ललकारा था ‘मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी’…। वो हमारी ‘मन्नू’ ही थी…जिसे झांसी ने ‘रानी लक्ष्मीबाई’ बनाया था। रानी लक्ष्मीबाई के इस बलिदान से देश में आज़ादी की चिंगारी ऐसी भड़की थी जो पूरे देश में फेल गई थी जिसने आगे चलकर देश की आज़ादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आज इस वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की जयंती हैं, जिसे बिना लाग—लपेट और सियासी दावंपेचों से दूर रखते हुए मनाए जाने की ज़रुरत हैं…। आज का दिन और ये कहानी उस लड़की की है जो समझदार, पढी—लिखी, अपार प्रतिभा की धनी होने के साथ ही साथ बेहद बहादुर और जाबांज भी थी…ये कहानी है उस ‘वीरांगना’ की जो वीरों की भांती वीरगति को प्राप्त हुई मगर अपने अंतिम क्षणों तक झूकी नहीं…ये कहानी हैं उस ‘मां’ की जिसने दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए लेकिन पीठ पर बंधे अपने बच्चे को आंच तक न आने दी….। आज 21वीं सदी में झांसी की रानी वाले इन्हीं तेवरों की ज़रुरत हैं। जिसने देश का सिर नहीं झुकने दिया। देश की इस बेटी का ‘महाबलिदान’ बेकार न जाए उसकी देश भक्ति यूं ही सस्ती लोकप्रियता की भेंट न चढ़े इसके लिए इतिहास को जानना और उसे समझना बेहद ज़रुरी हैं। वर्तमान पीढ़ी मोरोपंत तांबे और भागीरथी की अकेली संतान ‘मन्नू’ से रानी लक्ष्मीबाई बनने की कहानी को सुनें…पढे और समझे…। ये सफ़र इतना सरल न था जितना की आज आभासी दुनिया में एक क्लिक पर तय हो रहा हैं…। वो लाइक…कमेंट..शेयर और फॉलोवर्स का दौर न था बस देश के लिए मर मिट जाने की ज़रुरत थी…लेकिन आज देश के लिए जीने की ज़रुरत हैं…। बस सही मायने में इसे किस तरह और कैसे जीया जाए ये ख़ुद ही तय करें। सच्चे मायने में जन्म सदी पर्व यही सिखा जाते हैं…। rani laxmibai 2 comments 0 FacebookTwitterPinterestEmail Teena Sharma Madhvi previous post यूं तेरा ‘लौटना’… next post ‘मीत’…. Related Posts Basant Panchami बसंत पंचमी February 14, 2024 राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा January 29, 2024 राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा January 22, 2024 राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा January 21, 2024 राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा January 10, 2024 पानी पानी रे October 30, 2023 समर्पण October 28, 2023 विंड चाइम्स September 18, 2023 रक्षा बंधन:मिठास और सादगी भरा त्यौहार September 3, 2023 रक्षाबंधन: दिल के रिश्ते ही हैं सच्चे रिश्ते August 30, 2023 2 comments Vaidehi-वैदेही November 19, 2021 - 2:08 pm आप न सिर्फ़ एक अच्छे लेखक व पत्रकार हैं बल्कि एक बहुत अच्छे चित्रकार भी हैं। रानी लक्ष्मीबाई मेरी आदर्श हैं उनकी जितनी प्रशंसा की जाए कम ही होंगी। वह हमेशा हर भारतीय महिला के लिए प्रेरणास्रोत रहेंगी। Reply Teena Sharma 'Madhvi' November 22, 2021 - 4:41 pm Thankyu dear 🙏 Reply Leave a Comment Cancel Reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.