राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा

भव्य राम मंदिर में हुए रामलला विराजमान

by teenasharma
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा

Ram Mandir Pran Pratishtha: कुछ तारीखे ख़ुद अपना इतिहास लिखती है, जिसे अनंतकाल तक मिटाया नहीं जा सकता। आज की तारीख यानी 22 जनवरी भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के रूप में स्वर्ण अक्षरों में अपनी ‘विजयगाथा’ लिख चुकी है।

सुबह ‘मंगल ध्वनी’ और मनोहारी ‘वाद्ययंत्रों’ का जब राग छिड़ा तो पूरी कायनात में गूंज उठा ‘जय श्री राम’ का जयघोष…। जो, उस शुभ घड़ी का साक्षी था जिसका 500 वर्षो से इंतज़ार किया जा रहा था।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा

अयोध्या में रामलला मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा

यही वो क्षण था जब 84 सेकेंड के विशेष मुहूर्त में अयोध्या के भव्य राम मंदिर में ‘रामलला’ मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुनहरे कपड़े पहनकर मंदिर में पहुंचे। वे हाथ में छत्र और वस्त्र लिए हुए थे। इसे उन्होंने रामलला को अर्पित किया। 

इस दौरान दर्शक दीर्घा में बैठे साधु और संत बहुत खुश और उत्साह से भरे हुए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने सभी जरूरी पूजा विधि पूरी की और फिर तय अभिजीत मुहूर्त में प्राण—प्रतिष्ठा समारोह संपन्न हुआ।

  • 84 सेकेंड के अभिजीत मुहूर्त में हुई मूर्ति की प्राण—प्रतिष्ठा
  • अनुष्ठान के बाद हुई पहली आरती
  • विभिन्न राज्यों के 50 से अधिक मनोरम वाद्ययंत्र गूंजे
  • सौम्य श्यामल बाल स्वरूप ने मोह लिया भक्तों का मन

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा :भावुक हो उठे भक्त—

मंदिर में ‘रामलला’ अपने सौम्य श्यामल बाल स्वरूप में विराजित हुए। राम के माथे का तिलक और उनकी सौम्य मुद्रा, देखने वालों की आंखों में बस गई। राम लला के चेहरे की मुस्कान ने मन को मोह लिया।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा

इस पल के साक्षी बनें वहां मौजूद सभी अतिथि और संतगण मूर्ति स्वरूप को बस देखते ही रह गए। रामलला के इस अद्भुत और अलौकिक बाल स्वरूप को देखकर पूरा देश भावुक हो उठा और ये भावनाएं आंसुओं के साथ छलक पड़ी।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा :

बोले मोदी—

रामलला मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा पूर्ण होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी लोगों का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या धाम में श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पूरा भारत आज खुश है और भावुक हो रहा है।

  • यह कैलेंडर की तारीख नहीं, नए कालचक्र का उद्गम हैं
  • क्षमा मांगी इस कार्य को पूरा करने में सदियों का समय लग गया
  • राम आग नहीं, ऊर्जा हैं
  • राम विवाद नहीं समाधान हैं

इस अवसर पर उन्होंने प्रभु श्री राम से ये भी क्षमा मांगी कि, इस कार्य को पूरा करने में सदियों का समय लग गया। मोदी ने यह भी कहा कि ‘यह कैलेंडर की तारीख नहीं बल्कि एक नए कालचक्र का उद्गम है।’ पीएम मोदी ने अयोध्या राम मंदिर परिसर में जटायु की मूर्ति का अनावरण किया, साथ ही कुबेर टीला स्थित प्राचीन शिव मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। इसके बाद उन्होंने राम मंदिर का निर्माण करने वाले श्रमिकों पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया।

मूर्ति की विशेषता—

प्रतिमा की ऊंचाई
(51 इंच मूर्ति)

स्वरूप
(श्याम वर्ण बालरूप)

छवि
(5 साल)

रुप
(सौम्य और दिव्य)

पुष्प के साथ
(ऊंचाई 8 फीट)

शालिग्राम
(600 साल पुराना)

मूर्ति का वजन
(200 किलो)

समारोह में सात हजार से अधिक वीआईपी और वीवीआईपी भी सम्मिलत हुए और इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनें।

 

राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा

राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा

 

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