लॉकडाउन में धड़कता ‘खाकी’ का दिल

by Teena Sharma Madhvi

       ये कैसा वक़्त है आज एक मां के लिए… जब वो अपनी ही मासूम बेटी को अपने से दूर रहने को कह रही है…वो मासूम बच्ची बार—बार उसकी तरफ दौड़ रही है लेकिन मां है कि अपनी ममता के आंचल में उसे लेने की बजाय उसे अपने से दूर किए हुए है। बच्ची की आंखों से आंसू बह रहे है, वह जोर—जोर से गला फाड़कर मम्मी..मम्मी पुकार रही  है.. लेकिन मां है कि उसे गोद में नहीं ले रही…। 

       ऐसी क्या मजबूरी आन पड़ी इस मां के सामने, जो अपनी आंखों में समुद्र से गहरे आंसू लिए बस दूर ही से अपने कलेजे के टुकड़े को यूं ही बिलखता हुआ देख रही है…। क्यूं मां और बच्चे का ये भावनात्मक रिश्ता आज मौन है…।  

      जबकि पिछले पांच सालों में एक दिन भी ऐसा नहीं गुजरा जब इस मां ने अपनी बच्ची को गले से न लगाया हो..उसे अपने हा​थों से खाना न खिलाया हो…। 
         लेकिन आज उसकी देखभाल की जिम्मेदारी से मुंह फेर कर ये मां क्यूं चल पड़ी है उस रास्ते पर जहां पर सिर्फ ख़तरा है। घर वाले जानते है कि जिस मिशन को सफल बनाने के लिए उनकी ये बेटी, बहू और पत्नी बाहर निकली है उसकी जान सुरक्षित नहीं हैं…फिर क्यूं वे उसे नहीं रोकते हैं….। वे उसे क्यूं नहीं अहसास कराते है कि उसके बच्चे को उसकी ज़रुरत है। वो उसके बिना उससे दूर कैसे रहेगा …​कब तक वे उस मासूम को अपनी मां से दूर रखने की हिम्मत जुटा पाएंगे। आख़िर कब तक….। 
       
        इस सवाल का जवाब भले ही आज इस मां के पास नहीं है…लेकिन एक जज़्बा और जतन है..जो बार—बार उसे इस सवाल का जवाब दे रहा है कि यहीं वो क्षण है जब अपने बच्चे से अधिक ज़रुरत इस देश को है। और बस वो निकल पड़ी है अपनी खाकी पहनकर इस देश को बचाने के लिए…। 
      
        ये मां और कोई नहीं है बल्कि देश की वो बेटी है जो कोरोना महामारी के इस संकटकाल में अपना फ़र्ज़ निभाने की ख़ातिर अपनी पांच साल की बेटी को घर वालों के भरोसे छोड़कर ड्यूटी निभा रही है। 

      इनका नाम है मेघा गौतम जो पुलिस सेवा में एक सिपाही है जो देश की सेवा में डटी हुई है। इन्हें रह रहकर अपनी बच्ची की याद आती है..उसकी मासूमियत, उसकी अटखेलियां, उसका रोना, उसका बार—बार चीख—चीखकर मम्मी—मम्मी पुकारना…। इनके कानों में गूंजती है अपनी बेटी की आवाजें…। लेकिन इस मां ने अपने दिल को बहुत ही कठोर बनाकर अपना जीवन इस काल और परिस्थिति के हवाले कर दिया है। 
        
जब भी मेघा को ड्यूटी करने के बाद घर जाने का मौका मिलता है तो वे अपनी बेटी को देखकर बेहद भावुक हो जाती है…बेटी इनके पास आती है और ये उसे बार—बार यही कहती है कि दूर रहो…दूर रहो…। मेरे पास मत आओ मेरी बच्ची… दूर रहो मुझसे। किसी भी मां के लिए ऐसा करना आसान नहीं है। किस मन से वे ऐसा कर पाती होंगी…।  
   
    हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि वर्दी के पीछे भी एक दिल है जो अपने बच्चों और अपनों के लिए धड़क रहा है। आज इंसानियत के कंधों पर कोरोना संकट है और इन जाबांज वर्दी वालों के कंधों पर इंसानियत…।  
       
        कभी सोचकर देखें..आप ख़ुद को अपने बच्चों और परिजनों से दूर करके देखें…दूसरों के लिए ख़ुद के जीवन को समर्पित करने की सोचकर देखें…क्या वाकई आप दूसरों के जीवन को बचाने के लिए अपनों को यूं नज़रअंदाज कर पाएंगे…। शायद नहीं…। ये आसान नहीं होगा…। 
     
     ये कहानी सिर्फ मेघा गौतम जैसी जाबांज सिपाही की ही नहीं हैं बल्कि इस वक़्त हिन्दुस्तान के उन तमाम पुलिसकर्मियों और उन बेटियों की भी है जो खाकी वर्दी में फरिश्तें बनकर सुनसान सड़कों पर मुश्तैदी के साथ तैनात है। जो पिछले कई दिनों से अपने घर नहीं गए हैं…जो दिन रात बिना किसी शिकायत के लॉकडाउन की पालना कराने, आवश्यक सेवाओं की सुचारु व्यवस्था बनाए रखनें के लिए डटे हुए हैं ताकि हम सुरक्षित रह सके। 
     
      कोरोना को पूरी तरह से हराने के लिए इनके समर्पण और त्याग को हमें जीताना होगा…घर में ही रहकर इन्हें ये हौंसला देना होगा कि हम वाकई लॉकडाउन में हैं…सही मायने में फ़िलहाल हमारी तरफ से इनके लिए यही सच्चा सम्मान होगा…। 

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10 comments

Secreatpage April 16, 2020 - 12:55 pm

Duty until death, मृत्यु पर्यन्त सेवा, सलाम सभी योद्धाओं को

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Prashant sharma April 16, 2020 - 2:08 pm

ऐसे कोरोना योद्धाओं को सलाम। दीदी एक बार फिर आपकी लेखनी ने भावुक कर दिया।

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Unknown April 16, 2020 - 2:35 pm

Salute to all

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Usha April 19, 2020 - 5:28 am

कहानी हृदयस्पर्शी Megha ji ko salute जो अपने त्याग और समर्पण की भावना से अपने कर्तव्य को निभा रही हैं Hamare liye Garv Ki Baat Hai Teena aap aap sabhi ka Utsav Bada रही हो और सच्चाई से अवगत करा रही हो

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Teena Sharma 'Madhvi' April 21, 2020 - 12:46 pm

जी धन्यवाद। सहमत हूं मैं आपकी बात से।

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Teena Sharma 'Madhvi' April 21, 2020 - 12:47 pm

thankuu so much

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Teena Sharma 'Madhvi' April 21, 2020 - 12:50 pm

जी धन्यवाद। कृपया अपना नाम भी लिखें। जिससे मुझे आपका संबोधन करने में आसानी होगी।

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Teena Sharma 'Madhvi' April 21, 2020 - 12:51 pm

जी धन्यवाद। आप सभी के प्यार और आशीर्वाद से ही मुझे लिखने की प्रेरणा मिलती है।

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Teena Sharma madhavi April 25, 2020 - 10:00 am

Nice story

Kumar Pawan

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Teena Sharma 'Madhvi' April 25, 2020 - 4:10 pm

Thankuu so much

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टीना शर्मा ‘माधवी’

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