कवितालेखक/साहित्यकार ह से हिंदी कवियित्री by teenasharma January 18, 2023 written by teenasharma January 18, 2023 ‘कहानी का कोना’ में चल रही लेखक व साहित्यकार श्रेणी—2 में आज पढ़िए वरिष्ठ लेखक व पत्रकार मणिमाला शर्मा की लिखी कविता ह से हिंदी….। होंठो से फूलों की मानिंद झर जाए। हाथों में कलम की धार बन जाए।। हिंदी है हिंदुस्तान के माथे की बिंदी। हम में उत्साह जगाए बनकर सहयोगी।। ह से हिंदी ह से हिंदी मातृ भाषा है हमारी। हिंदी से ही हो पहचान हमारी।। होंठो से फूलों की मानिंद झर जाए। हाथों में कलम की धार बन जाए।। हिंदी है हिंदुस्तान के माथे की बिंदी। हम में उत्साह जगाए बनकर सहयोगी।। हित सबका इसको धारण करने में। होंगे सफल इसका वरण करने में।। मणिमाला शर्मा हिय में हमारे बसी है इसकी खुशबू। हो जाए इस भाषा को पढ़ मन बेकाबू।। हिंदी में सुनिए दीपक राग,कजरी, मेघ मल्हारी। हिंदी के दोहे, छंद , मुक्तक और चौपाई हैं सब पे भारी।। हिंद की आन बान शान का नाम है हिंदी। हिमालय के स्वाभिमान का नाम है हिंदी।। हिंदी से सब को है प्यार चाहे हो देशी या प्रवासी। हुलसे मन विदेश में जब कानों में पड़े भाषा अपनी सी।। है अभिमान मुझे हिंदी भाषी होने पर। हिंदी के शब्दों में अपने भाव व्यक्त करने पर।। हिंदी की कसम आज हम खाते है। हमारे गौरव को आज पुनर्स्थापित करते हैं।। हिमालय से लेकर नीलगिरी तक सब के मुंह में हिंदी हो। हमारे देश के आत्मसम्मान की राह बस हिंदी हो।। मणिमाला शर्मा वरिष्ठ पत्रकार और लेखक जयपुर, राजस्थान अन्य कविता व कहानियां पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें। आपको ये रचना कैसी लगी अपनी प्रतिक्रिया अवश्य भेजें। कविता दरवाज़े से जब कविता ‘नई पौध’ ग़ज़ल निरुपमा चतुर्वेदी हे नव-वर्ष प्रेरित करो हमें गूंगी कविता…. ‘प्रतीक्षा है कविता’… —————– ‘कहानी का कोना’ आपका अपना ‘कोना’ है, इसीलिए आप सभी के लिए ये मंच खुला हैं। आप चाहे स्थापित लेखक व कवि हैं या फिर अभी—अभी ही आपने लिखना शुरु किया हैं। आप अपनी रचनाएं अवश्य भेजें…। इसका मकसद है रचनाकारों को मंच मिलें, और उनकी रचनाएं सुधि पाठकों तक पहुंचें। कृपया अपनी रचनाएं नीचे दी गई मेल आईडी पर भेजें— kahanikakona@gmail.com धन्यवाद टीना शर्मा ‘माधवी’ (एडमिन) कवितामणिमाला शर्माह से हिंदीहिंदी के दोहेहिंदी भाषाहिंदी मातृ भाषाहिमालय 0 comment 0 FacebookTwitterPinterestEmail teenasharma previous post गुटकी next post जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2023 Related Posts गर लफ़्ज़ों की दहलीज होती April 23, 2023 खुद के लिए जीना April 20, 2023 साहित्यकार सम्मान April 17, 2023 अपनत्व April 12, 2023 लघुकथा—सौंदर्य February 11, 2023 सन्दूक January 25, 2023 एक शाम January 20, 2023 गुटकी January 13, 2023 मिलकर काम करें ‘लेखक—प्रकाशक’ January 8, 2023 हे नव-वर्ष प्रेरित करो हमें January 4, 2023 Leave a Comment Cancel Reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.