मिलकर काम करें ‘लेखक—प्रकाशक’

डॉ.संजीव कुमार

by teenasharma
मिलकर काम करें 'लेखक—प्रकाशक'

 मिलकर काम करें ‘लेखक—प्रकाशक’ । अधिकतर होता ये है कि, पुस्तक छप जाने के बाद लेखक, प्रकाशक से संपर्क में नहीं रहता। बल्कि होना ये चाहिए कि, वे दोनों ‘पुस्तक प्रमोशन’ के लिए मिलकर काम करें।
ये कहना है वरिष्ठ साहित्यकार व प्रकाशक डॉ.संजीव कुमार का।

 

मिलकर काम करें ‘लेखक—प्रकाशक’….

 अवसर था,राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी और राही सहयोगी संस्थान के तत्वावधान में आयोजित इंडिया नेट बुक्स द्वारा प्रकाशित 6 पुस्तकों के लोकार्पण समारोह का। मुख्य अतिथि के रुप में डॉ. संजीव कुमार ने इस मौके पर कई महत्वपूर्ण बिंंदुओं पर चर्चा की।

अब तक कविता और अन्य विधाओं में 107 पुस्तकों का सृजन कर चुके डॉ.संजीव ने युवा लेखकों को अधिक से अधिक पढ़ने को कहा। इससे उनके लेखन में निखार आएगा।

 मिलकर काम करें 'लेखक—प्रकाशक'

डॉ.संजीव कुमार

‘डॉ. हरिवंश राय साहित्य सम्मान’ ग्रहण के बाद डॉ. संजीव ने बताया कि वह देश भर में ही नहीं विदेशों में भी इंडिया नेट बुक्स की शाखाओं के माध्यम से स्वदेशी एवं प्रवासी भारतीय लेखकों के उत्कृष्ट साहित्य को प्रकाश में लाने और उच्च कोटि के साहित्य के लिए विभिन्न पुरस्कार प्रदान करने में अग्रणी है।

उन्होंने कहा कि उच्च कोटि का साहित्य  ही समाज में बदलाव ला सकता है। इससे पूर्व डॉ संजीव कुमार को उनके साहित्यिक योगदान के लिए राही सहयोगी संस्थान के निदेशक एवं प्रतिष्ठित साहित्यकार प्रबोध कुमार गोविल और फारूक आफरीदी ने प्रशस्ति पत्र, इकराम राजस्थानी ने शॉल ओढ़ाकर और लोकेश कुमार साहिल ने पुष्पगुच्छ अर्पित कर उनका अभिनंदन किया।

पं. जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी के चेयरमैन और वरिष्ठ गीतकार इकराम राजस्थानी ने कहा कि, साहित्य ही समाज और संस्कृति को जीवित रखेगा। किताबें समय की धड़कन हैं और इन्हीं में हमारी तहजीब सांस लेती है। कलम ही समाज को दिशा देती है।

 मिलकर काम करें 'लेखक—प्रकाशक'

प्रबोध कुमार गोविल

समारोह की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार नंद भारद्वाज ने कहा कि सभ्यता और संस्कृति मानव समाज के विकास की सतत प्रक्रिया है। साहित्यकारों का काम उसमें नया जोड़ने का होता है। साहित्यकार का काम जीवन को पढ़ने और समाज की संवेदनशीलता को जीवित रखने का है।

वहीं राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी के निदेशक डॉ बीएल सैनी ने कहा कि अकादमी प्रदेश के प्रबुद्ध साहित्यकारों और लेखकों की उत्कृष्ट ज्ञानवर्धक एवं अकादमिक पाठ्य पुस्तकों के प्रकाशन से नई पीढ़ी के संवर्धन का काम कर रही है। हमारे प्रकाशन करोड़ों विद्यार्थियों तक पहुंचकर उनके जीवन निर्माण में योगदान कर रहे हैं।

प्रबोध कुमार गोविल और डॉ. जयश्री शर्मा ने राही रैंकिंग के बारे में विचार व्यक्त किए और डॉ. नीलिमा टिक्कू ने रैंकिंग में प्रथम स्थान पर रहने वाली देश की जानी-मानी कथाकार चित्रा मुद्गल के साहित्यिक सफर की विस्तार से चर्चा की।

मिलकर काम करें 'लेखक—प्रकाशक'

राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी और राही सहयोगी संस्थान के तत्वावधान में

इस अवसर पर लघु कथा संपादन के लिए डाॅ. राजकुमार घोटड़ को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।

कार्यक्रम का सफल संचालन युवा कवयित्री रेनु शब्द मुखर और व्यंग्यकार प्रभात गोस्वामी ने किया।

 

 

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(फाउंडर) कहानी का कोना(kahanikakona.com ) 

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