कविता कभी ‘फुर्सत’ मिलें तो… by Teena Sharma Madhvi April 11, 2021 written by Teena Sharma Madhvi April 11, 2021 ‘कभी फुर्सत मिलें तो’… कभी ‘फुर्सत’ मिलें तो… ढूंढना वो आंसू की बूंदे, जो गिरी थी ‘कार’ में जब तूने अपने सीने से लगाया था…। कभी फुर्सत मिलें तो ढूंढना अपना वो ‘पागलपन’, जब इक रात तूने मेरा आंचल हटाने की ज़िद की थी…। ये पंक्तियां है मेरी यानी टीना शर्मा ‘माधवी’ की लिखी कविता ‘कभी फुर्सत मिलें तो’…। कहानी का कोना में पढ़िए कविता ‘कभी फुर्सत मिलें तो’…। कभी फुर्सत मिलें तो चले आना इस पते पर जहां बसती हैं यादें तेरे और मेरे अहसासों की…। कभी फुर्सत मिलें तो महसूस कर जाना वो ‘सैकंड’ जिसकी ‘छुअन’ अब भी बाकी हैं इन लबो पर…। कभी फुर्सत मिलें तो एक बार फिर से ढूंढ लेना वो कान का ‘बूंदा’ जो गिरा था सरगोशी से तेरी….। टीना शर्मा ‘माधवी’ चाय की ‘तपेली’ पर अब भी बाकी हैं निशां जो तुझसे बतियाते हुए जली थी कभी..। कभी फुर्सत मिलें तो ढूंढना वो आंसू की बूंदे जो गिरी थी ‘कार’ में जब तूने अपने सीने से लगाया था। कभी फुर्सत मिलें तो ढूंढना अपना वो ‘पागलपन’ जब इक रात तूने मेरा आंचल हटाने की ज़िद की थी…। जेब में रखे उस रुमाल से भी पूछना जिससे पूछा था मेरा चेहरा कभी…। ढूंढना उन कांच के टुकड़ों को भी जो तेरी घड़ी से टूटे थे कभी..। फुर्सत मिलें तो ‘सहलाना’ अपने सीने पर बना वो निशां जो इन लबो ने सारी हदें पार करके छोड़ा था कभी…। आज इस पते पर रहती हैं एक ‘खामोशी’ कभी फुर्सत मिलें तो चलें आना इसे तोड़ने कभी…। टीना शर्मा ‘माधवी’ और भी कविताएं पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें— गढ़िए एक ‘झूठी कहानी’ यूं तेरा ‘लौटना’… ‘दोस्ती वाली गठरी’ ….. ‘फटी’ हुई ‘जेब’…. __________________________________ प्रिय, पाठकगढ़! आपको ‘कहानी का कोना’ ब्लॉग व इसका कंटेंट कैसा लग रहा हैं। कृपया अपनी प्रतिक्रिया अवश्य भेजें। इसे बेहतर बनाने के लिए यदि आपके पास कोई और भी सुझाव हो तो अवश्य साझा करें। धन्यवाद kahanikakona@gmail.com teenasharma.writer@gmail.com kavitakonaकभी 'फुर्सत' मिलें तो...कविता 10 comments 0 FacebookTwitterPinterestEmail Teena Sharma Madhvi previous post ‘नाटक’ को चाहिए ‘दर्शक’…. next post ‘एकांकी’ – नहीं ‘चुकाऊंगी’ झगड़ा Related Posts बंजर ही रहा दिल August 24, 2024 रक्षा बंधन गीत August 27, 2023 मीठे नीम से पिता June 18, 2023 गर लफ़्ज़ों की दहलीज होती April 23, 2023 खुद के लिए जीना April 20, 2023 सन्दूक January 25, 2023 ह से हिंदी January 18, 2023 हे नव-वर्ष प्रेरित करो हमें January 4, 2023 कविता दरवाज़े से जब December 18, 2022 ग़ज़ल निरुपमा चतुर्वेदी December 16, 2022 10 comments Secreatpage April 11, 2021 - 3:28 pm मानव होना भाग्य है कवि होना सौभाग्य, पहली कविता के लिए बधाईयाँ.. अच्छा लिखा है Reply Teena Sharma 'Madhvi' April 11, 2021 - 3:49 pm Thankyou so much…beete wakt ko sabd dene ki koshish he bas… Reply Vaidehi-वैदेही April 11, 2021 - 7:31 pm जब गद्य औऱ पद्य दोंनों ही विधा पर लिखना आ जाए तो सही मायने में आपमें एक लेखक के गुण हैं 👌🏻👍🏻प्रथम कविता लेखन पर बधाई। Reply Teena Sharma 'Madhvi' April 12, 2021 - 2:39 am Bas yu hi chal gai kalam..aur utar aaye shabd kagaz pr. Reply AKHILESH April 12, 2021 - 7:24 am जीवन के कुछ खास पलो को,एह्सासो को याद करती नायिका की बहुत भावुक अभिव्यक्ति. Reply Teena Sharma 'Madhvi' April 12, 2021 - 1:54 pm Ji bilkul 👍 Reply Unknown April 15, 2021 - 2:35 pm बहुत ही अच्छा, सच्चा Reply Teena Sharma 'Madhvi' April 15, 2021 - 7:18 pm Thankyu 🙏 Reply Anonymous December 22, 2021 - 2:37 pm You write amazingly. Your words full of feelings ☘️☘️☘️ Kumar Pawan Reply गूंगी कविता.... - Kahani ka kona June 9, 2022 - 3:47 am […] कभी 'फुर्सत' मिलें तो… […] Reply Leave a Comment Cancel Reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.