कवितालेखक/साहित्यकार सन्दूक लेखिका दीप्ति मिश्रा by teenasharma January 25, 2023 written by teenasharma January 25, 2023 सन्दूक ‘कहानी का कोना’ में पढ़िए लेखिका दीप्ति मिश्रा की लिखी कविता ‘सन्दूक’…। इस सन्दूक में रखे एहसास आपको बुदबुदाएंगे तो कभी यादों की झिलमिल करती दुनिया की सैर कराएंगे..। दीप्ति मिश्रा युवा लेखिका है और विभिन्न पत्र—पत्रिकाओं में इनकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। देखा है मैंने माँ का वह पुराना ‘सन्दूक’ जो उसे उसके ब्याह में मिला था कुछ मायके और कुछ ससुराल की ढेरों यादें समाई हैं उसमें देखा है मैंने माँ का वह पुराना ‘सन्दूक’ वो मेरी छठी का ‘छटूलना’ अब भी वहीं ‘सन्दूक’ के तले में पड़ा था और मेरे वो छोटे छोटे चक्की चूल्हा वो भी वहीं से चिढ़ाने लगे मुझे माँ की दादी सास के हाथ का बना दीप्ति मिश्रा थालपोश भी था, जिसके बिखरे मोती समेटे भी न जा रहे थे लेकिन सन्दूक में वो आराम से था हाँ, मैंने देखा है माँ का वह पुराना ‘सन्दूक’ घर परिवार, पति बच्चों के बीच पिसती माँ अपनी खीज हम बच्चों पर उतारती और हर रोज़ कहती “चली जाऊंगी कहीं” लेकिन उस कहीं वो आजतक ना जा पाई और ठूँसती रहीं वो यादें, वो खीज इस सन्दूक में कुछ सिक्के और पुराने मुड़े तुड़े नोट भी थे रखे थे एक रुमाल में लिपटे न जाने कब, कैसे, कितने जतन से छिपाए होंगे हाँ, देखा है मैंने माँ का वह पुराना ‘सन्दूक’ कुछ बुने हुए नमूने भी तो थे, जिनकी डिजाइन के स्वेटर हमने पहने थे कुछ पुरानी फोटो और कुछ के नेगेटिव तक सम्भाल रखे थे उस सन्दूक में न हिम्मत हुई न ही मन, उन यादों को निकाल फेंकने का सिर्फ देखा ही नहीं, महसूस भी किया है मैंने वह सन्दूक हाँ, देखा है मैंने माँ का वो पुराना ‘सन्दूक’ (छठी पर बच्चे को पहनाए जाने वाले कपड़े) अन्य लेखक व साहित्यकारों की रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें— एक शाम कुछ पन्ने इश्क़ कविता दरवाज़े से जब गूंगी कविता…. कविता 'मां'चक्की चूल्हादीप्ति मिश्रामाँसन्दूकससुरालसाससिक्के 1 comment 1 FacebookTwitterPinterestEmail teenasharma previous post अकादमी देगी बकाया पुरस्कार next post गणतंत्र दिवस Related Posts गर लफ़्ज़ों की दहलीज होती April 23, 2023 खुद के लिए जीना April 20, 2023 साहित्यकार सम्मान April 17, 2023 अपनत्व April 12, 2023 लघुकथा—सौंदर्य February 11, 2023 एक शाम January 20, 2023 ह से हिंदी January 18, 2023 गुटकी January 13, 2023 मिलकर काम करें ‘लेखक—प्रकाशक’ January 8, 2023 हे नव-वर्ष प्रेरित करो हमें January 4, 2023 1 comment लघुकथा—सौंदर्य - Kahani ka kona February 11, 2023 - 7:11 pm […] बाहुबली गणतंत्र दिवस सन्दूक अकादमी देगी बकाया पुरस्कार लौटा […] Reply Leave a Comment Cancel Reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.