Uncategorizedसाहित्य हलचल लौटा बचपन मारा सितोलिया जवाहर कला केंद्र by teenasharma January 23, 2023 written by teenasharma January 23, 2023 लौटा बचपन मारा सितोलिया लौटा बचपन मारा सितोलिया...। कुछेक ने अपनी रचनाएं भी पढ़ी किंतु अंदाज़े—ए—बयां में मस्ती की झलक साफ नज़र आई। वे गंभीर भावों से अछूते ही रहे। इसी सादगी ने कार्यक्रम में मौसम के संग उन्मुक्तता के रंग भी भर दिए। और शब्दों के जादूगरों का कुछ यूं निकल पड़ा बचपना..। एपीसी की ओर से आयोजन ”जीवन चलने का नाम, चलते रहो सुबह—ओ—शाम…। ”राजकवि इंद्रजीत सिंह तुलसी का लिखा हुआ ये गीत जवाहर कला केंद्र में उस वक़्त साकार हो उठा, जब एक साथ एक ही स्वर में शब्दों के जादूगरों ने ये गीत गाया। अवसर था जवाहर कला केंद्र में, अजमेर पोएट्री क्लब की ओर से आयोजित एक अनौपचारिक कार्यक्रम का। जहां पर इस गीत का ‘शौर’ मचा, किंतु अपने बचपन की यादों के भावों संग..। ”शौर’ मचा पर ना कोई कवि था, ना ही लेखक…गर इस वक़्त कोई था, तो इनका बचपना। जिसे आज अपने बेफिक्रे अंदाज़ में वे जी लेना चाहते थे। बच्चे की मानिंद खेले और गाया इस कार्यक्रम में लेखक, कवि और साहित्यकारों की मौजूदगी रही लेकिन वे ख़ुद एक बच्चे के मानिंद हंसी—ठिठौली और बिंदासपने में खोए नज़र आए। कभी अंताक्षरी खेलकर तो कभी सितोलिया फेंककर…। एपीसी की शिवानी जयपुर ने बताया कि ‘साहित्यिक कार्यक्रम’ तो होते ही रहते हैं पर एपीसी की कोशिश रहती है कि साल की शुरुआत एक ऐसे कार्यक्रम से हो जहाँ हम सब साहित्यकार का चोला घर छोड़कर आएं और इंसान बनकर मिलें-जुलें। अपने भीतर के बच्चे को बाहर आने का सुअवसर दें। दिखावे और वैमनस्य की दुनिया में उस बचपने को बचाए रखना बहुत ज़रूरी है जिसे देखकर किसी शायर ने कहा था कि ‘मेरे भीतर एक बच्चा है जो बड़ों की दुनिया देखकर बाहर आने से डरता है…। http://kahanikakona.com/wp-content/uploads/2023/01/WhatsApp-Video-2023-01-23-at-14.47.20-1.mp4 इस अवसर पर कविता माथुर, डॉ. बजरंग सोनी, अनुपम तिवाड़ी, एस भाग्यम शर्मा, अरविंद भट्ट, डॉ. क्षिप्रा नत्थानी, श्याम जी आहत, मीनाक्षी माथुर, श्रुतिछाया, उषा नांगिया, अनुपमा तिवाड़ी, प्रीति जैन, शत्रुंजय कुमार सिंह, एपीसी की ओर से आयोजन तारकेश्वरी ‘सुधि’ , सन्तोष “सन्त”,अनु शर्मा,भरत राजगुरु, विजय पॉटर, गुरगुल, सागर सैन, प्रज्ञा श्रीवास्तव ‘प्रज्ञान्जलि’ व अन्य लोग भी शामिल हुए। ——————————- अन्य इवेंट या रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें— जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2023 मिलकर काम करें ‘लेखक—प्रकाशक’ शाहरुख मुसलमान इसलिए विरोध पधारो म्हारे देश apc clubshivani jaipurजीवन चलने का नामबचपनशौरसितोलिया 1 comment 3 FacebookTwitterPinterestEmail teenasharma previous post एक शाम next post अकादमी देगी बकाया पुरस्कार Related Posts रामचरित मानस यूनेस्को ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड’ सूची... May 15, 2024 विंड चाइम्स September 18, 2023 राखी: रिश्ते का रिन्युअल August 25, 2023 उपन्यास ’उधड़न’ का लोकार्पण June 24, 2023 ऑटिज़्म जागरुकता पर चर्चा April 20, 2023 साहित्यकार सम्मान April 17, 2023 अकादमी देगी बकाया पुरस्कार January 23, 2023 शाहरुख मुसलमान इसलिए विरोध January 19, 2023 जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2023 January 18, 2023 गुटकी January 13, 2023 1 comment अकादमी देगी बकाया पुरस्कार - Kahani ka kona January 23, 2023 - 12:05 pm […] अकादमी देगी बकाया पुरस्कार लौटा बचपन मारा सितोलिया एक शाम शाहरुख मुसलमान इसलिए विरोध […] Reply Leave a Comment Cancel Reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.