कवितालेखक/साहित्यकारस्त्री विमर्श ‘प्रतीक्षा है कविता’… by teenasharma April 30, 2022 written by teenasharma April 30, 2022 ‘कहानी का कोना’ में आज पढ़िए कवयित्री ‘नूतन गुप्ता’ की लिखी कविता, ‘प्रतीक्षा है कविता’…। इनका जन्म 22 अगस्त 1953 को मत्स्य क्षेत्र ‘अलवर’ में हुआ..। स्कूल और कॉलेज की शिक्षा इन्होंने जयपुर से प्राप्त की…। कवयित्री हिन्दी एवं अंग्रेज़ी साहित्य में समान रुप से रुचि रखती हैं…। इनकी पुस्तकें ‘जुगनू मेरे शब्द’, ‘कम है तो अच्छा है’ और ‘शेड्स’…में अभिव्यक्ति के कई रंग शामिल हैं…। विभिन्न पत्र—पत्रिकाओं में इनके लेख व कविताएं भी प्रकाशित होते रहे हैं..साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए इन्हें ‘अपराजिता सम्मान’ से सम्मानित किया गया हैं…। ये विभिन्न प्रांतीय एवं राष्ट्रीय स्तर के साहित्यिक आयोजनों में भी सक्रिय हैं…। ‘प्रतीक्षा है कविता’… ———————— खचाखच भरे सभागार में बीचों बीच ख़ाली कुर्सियाँ दरअसल ख़ाली नहीं होती मेज़बान की आँखों में उनके भरे जाने की प्रतीक्षा की कविता तैरती दिखाई देती है। लिखी जाने वाली कविता प्रतीक्षा से बहुत पीछे बहुत सतही है नूतन गुप्ता जो प्रेम करने से डरते हैं वे प्रेम कविता लिखते हैं परिवार में बेहद बंधी स्त्री आज़ादी पर लिखती है अकेला व्यक्ति किसी का साथ लिखता है कोई ग़म भुलाने को लिखता है कोई किसी की याद में। विधवाएँ बिंदी सिंदूर और सुहाग लिख रही हैं सुहागन बिछुए पायल चूड़ी से आज़ादी पर क्रांतिकारी स्त्री विमर्श लिख रही है दरअसल जो हमारे पास है उससे उल्टा चाहिए हमें। वही पाने की प्रतीक्षा का नाम है ‘कविता’ कवयित्री— नूतन गुप्ता ___________________________________ कुछ और कविताएं पढ़ने के लिए नीचे क्लिक करें— गढ़िए एक ‘झूठी कहानी’ सपनों की देह पर….. ‘दोस्ती वाली गठरी’ ….. ‘गुफ़्तगू’ हैं आज ‘दर्द’ से…. ‘फटी’ हुई ‘जेब’…. यूं तेरा ‘लौटना’… ठहर जाना ऐ, ‘इंसान’….. कभी ‘फुर्सत’ मिलें तो… _____________ प्रिय, पाठकगण आपको कविता— प्रतीक्षा है ‘कविता’ कैसी लगी, नीचे अपना कमेंट ज़रुर लिखकर भेजें। साथ ही ब्लॉग और इसका कंटेंट आपको कैसा लग रहा हैं इस बारे में भी अपनी राय अवश्य भेजें…। आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए बेहद अमूल्य हैं, जो हमें लिखते रहने की उर्जा देती हैं। धन्यवाद कवितानूतन गुप्ता 9 comments 0 FacebookTwitterPinterestEmail teenasharma previous post ‘अपने—अपने अरण्य’ next post मंगला Related Posts सन्दूक January 25, 2023 एक शाम January 20, 2023 ह से हिंदी January 18, 2023 गुटकी January 13, 2023 मिलकर काम करें ‘लेखक—प्रकाशक’ January 8, 2023 हे नव-वर्ष प्रेरित करो हमें January 4, 2023 कुछ पन्ने इश्क़ December 30, 2022 कहानी स्नेह का आंगन December 23, 2022 कहानी पॉप म्यूज़िक December 20, 2022 कविता दरवाज़े से जब December 18, 2022 9 comments शिवानी April 30, 2022 - 11:08 am आह् से आह्हा तक… बहुत सुंदर कविता Reply teenasharma April 30, 2022 - 5:32 pm ji thankyu Reply shailendra sharma April 30, 2022 - 1:41 pm wah bahut sunder Reply teenasharma April 30, 2022 - 5:31 pm ji thanku Reply गढ़िए एक 'झूठी कहानी' - Kahani ka kona April 30, 2022 - 6:13 pm […] 'प्रतीक्षा है कविता'… […] Reply कविता 'नई पौध' - Kahani ka kona May 4, 2022 - 4:49 am […] 'प्रतीक्षा है कविता'… […] Reply कविता 'मां' - Kahani ka kona May 8, 2022 - 5:12 am […] 'प्रतीक्षा है कविता'… […] Reply गूंगी कविता - Kahani ka kona May 27, 2022 - 8:59 am […] 'प्रतीक्षा है कविता'… […] Reply कविता—दरवाज़े से जब - Kahani ka kona December 19, 2022 - 10:25 am […] ‘मां’ कविता ‘नई पौध’ मंगला ‘प्रतीक्षा है कविता’… ‘अपने—अपने अरण्य’ “बातशाला” […] Reply Leave a Comment Cancel Reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.