प्रिय पाठको नमस्कार,
निश्चित ही ये समय बहुत भारी हैं। पूरा विश्व कोविड महामारी से जूझ रहा हैं। दूसरी लहर का कहर वाकई दर्द भरा और कभी न भरने वाले घावों की तरह हैं...।
चारों तरफ इसी महामारी का शोर हैं...दर्द की आह हैं...और मदद न मिल पाने की बेतहाशा मजबूरी..। दोष वक़्त का ही हैं जब इंसान एक ऐसे मोड़ पर खड़ा हैं जहां या तो आर हैं या पार...। संवेदनाओें का सैलाब उमड़ रहा हैं लेकिन बस में कुछ नहीं...। इन सबके बाद भी यदि शेष कुछ रहा हैं तो वो हैं 'हौंसला' और 'भरोसा'...।
'कहानी का कोना' की ओर से मैं टीना शर्मा 'माधवी' आप सभी से यही कहना चाहती हूं कि, ऐसे बुरे वक़्त में हिम्मत बनाएं रखें...। कोरोना राक्षस से बचाव के लिए जो भी जरुरी हथियार हैं वो हमेशा अपने साथ रखें जैसे— मास्क... दो गज दूरी...बार—बार हाथ धोना...और सबसे ज्यादा जरुरी वैक्सीन लगवाएं।
काफी दिनों बाद आज ब्लॉग लिख रही हूं...। क्यूंकि पिछले कुछ दिनों से मैं और मेरा परिवार कोविड समय से गुजर रहा हैं। इसे बिल्कुल भी हल्के में ना लें...। जब इसने मेरे घर में प्रवेश किया तब इसके असल रुप से मुलाकात हुई हैं...।
इसका रुप निश्चित ही डरावना हैं...बैचेन कर देने वाला हैं...लेकिन आत्म मनोबल ही हैं जो इससे लड़ने में सफल हो सकता हैं। दवाइयां अपना काम करती हैं लेकिन दुनिया में प्रार्थना और दुआ से बड़ी कोई दवा नहीं...।
मैं तहे दिल से अपने पाठकों का शुक्रिया अदा करती हूं जो मेरी हर कहानी को बड़े ही चाव से पढ़ते हैं और अपनी अमूल्य टिप्पणी देकर उत्साह बढ़ाते हैं। आगे भी यही उत्साह और प्रेम 'कहानी का कोना' के प्रति बनाएं रखिएगा।
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