कविताकोनाप्रासंगिक ‘फटी’ हुई ‘जेब’…. by Teena Sharma Madhvi June 20, 2021 written by Teena Sharma Madhvi June 20, 2021 आज ‘फादर्स—डे’ हैं। ये दिन पिता के प्रति अपनी कृतज्ञता दिखाने का सिर्फ एक माध्यम हैं। निश्चित ही बदलते वक़्त के साथ आज एक गंभीर और कड़क स्वभाव वाले पिता की जगह ‘नरम दिल’ और ‘दोस्ताना’ व्यवहार के साथ आज का पिता खड़ा हैं। यह एक अच्छा साइन भी हैं…। पिता चाहे गरीब हो या अमीर वह सिर्फ अपने बच्चों की इच्छाएं पूरी करने में लगा रहता हैं… और असल में यहीं हमारी संस्कृति का हिस्सा भी हैं। इसी भावनात्मक रिश्तें पर आधारित हैं ये कविता….। बाप की ‘फटी’ हुई जेब से जो ख्वाहिशें पूरी हुई वो ‘बेहिसाब’ हैं…। खिलौना खरीदने की औकात न थी, फिर भी खरीद कर दे देने की उनकी हिम्मत भी ‘बेहिसाब’ हैं। सिद्धी शर्मा ‘राजकुमारी’ की तरह अपनी पलकों पर बैठाकर रखने का उनका हौंसला भी बेहिसाब हैं..। इच्छा पूरी न कर पाने की उनकी अपनी मजबूरियां भी बेहिसाब हैं…। आंखों में आंसूओं को छुपाकर रख लेने का उनका अंदाज भी बेहिसाब हैं…। और मेरी खुशी देख अपने होंठों पर मुस्कान सजाकर रखना भी ‘बेहिसाब’ हैं…। दिल की तिजोरी में एक ‘पोथी’ पड़ी हैं कहीं …। जिसका ‘कुल हिसाब’ अब भी ‘बेहिसाब’ ही हैं…। कोई केल्क्यूलेटर हो तो लगाना उस ‘फटी’ जेब का हिसाब जिसमें अब भी हैं आत्म—विश्वास से भरा हाथ….। बूढ़ी हो गई हैं हथेलियां घिस गई हैं ऐड़ियां…। फिर भी ख्वाहिश पूरी कर रही हैं ये ‘फटी’ जेब…। टीना शर्मा ‘माधवी’ 7 comments 0 FacebookTwitterPinterestEmail Teena Sharma Madhvi previous post कबिलाई— एक ‘प्रेम’ कथा next post ‘ओलंपिक ‘ — कितना सही ….? Related Posts गर लफ़्ज़ों की दहलीज होती April 23, 2023 खुद के लिए जीना April 20, 2023 बाहुबली January 28, 2023 सन्दूक January 25, 2023 ह से हिंदी January 18, 2023 हे नव-वर्ष प्रेरित करो हमें January 4, 2023 कविता दरवाज़े से जब December 18, 2022 ग़ज़ल निरुपमा चतुर्वेदी December 16, 2022 स्ट्रीट आर्टिस्ट हूं भिखारी नहीं November 14, 2022 कॉमन मैन— ‘हुकमचंद’ गाइड July 12, 2022 7 comments Vaidehi-वैदेही June 20, 2021 - 4:07 pm Nicely written 👌🏻👍🏻 Reply Teena Sharma 'Madhvi' December 3, 2021 - 7:04 pm Thankuu Reply 'प्रतीक्षा है कविता'... - May 2, 2022 - 1:23 pm […] 'फटी' हुई 'जेब'…. […] Reply कविता 'नई पौध' - Kahani ka kona May 4, 2022 - 4:49 am […] 'फटी' हुई 'जेब'…. […] Reply कभी 'फुर्सत' मिलें तो... - Kahani ka kona June 10, 2022 - 9:37 am […] 'फटी' हुई 'जेब'…. […] Reply कहानी का कोना - Kahani ka kona June 16, 2022 - 5:15 am […] 'फटी' हुई 'जेब'…. […] Reply कहानी का कोना - Kahani ka kona November 14, 2022 - 1:43 pm […] ‘फटी’ हुई ‘जेब’…. […] Reply Leave a Comment Cancel Reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.