प्रकाशित लेख ‘मां’ ही तो होती है पहला गुरु…. by Teena Sharma Madhvi July 5, 2020 written by Teena Sharma Madhvi July 5, 2020 आज गुरु पूर्णिमा है और इस पावन पर्व पर उन सभी गुरु और जीवन को बेहतर एवं शिक्षित बनाने वालों को प्रणाम और नमन करता हैं दिल। हर व्यक्ति के जीवन का पहला गुरु ‘मां’ ही होती हैं। जो न सिर्फ हमें अच्छे और बुरे का फर्क बताती हैं बल्कि जीवन के हर छोटे—बड़े संघर्षो से लड़ना भी सीखाती है। वरना हम और आप एक काबिल इंसान नहीं होते। हम जहां हैं और जैसे हैं…उसके पीछे ‘मां’ का प्यार, दुआएं और आशीर्वाद ही है। मां की भावनाओं का सम्मान करें क्योंकि दुनिया में सिर्फ ये ही एक रिश्ता है जो आपको सिर्फ देता हैं और बदले में आपसे कुछ नहीं मांगता। इस भावनात्मक रिश्ते को हमेशा संजोकर रखें…। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर राजस्थान पत्रिका में आज मेरी कहानी ‘मां’ की भावनाओं का टोटल इन्वेस्टमेंट प्रकाशित है। इसका लिंक भी शेयर कर रही हूं। https://www.kahanikakona.com/2020/06/blog-post_25.html 0 comment 0 FacebookTwitterPinterestEmail Teena Sharma Madhvi previous post धन्यवाद ‘डॉक साब’… next post स्कूल आ गया ‘घर’ … Related Posts बजता रहे ‘भोंपू’…. June 26, 2021 टूट रही ‘सांसे’, बिक रही ‘आत्मा’ May 4, 2021 वर्चुअल दुनिया में महिलाएं असुरक्षित November 3, 2020 कदम—कदम पर हाथरस… October 3, 2020 संक्रमण काल की ‘वॉरियर’ July 15, 2020 ज़िदगी का दुश्मन है नशा June 26, 2020 ‘जल’ संकट बन जाएगा ‘महासंकट’ June 4, 2020 याद आई भारतीय परंपराएं June 3, 2020 Leave a Comment Cancel Reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.