जब देश में 21 दिन का लॉकडाउन लगा था तभी से मन में था कि इस दौरान मैं वो सारी किताबें पढूंगी जिसे मैंने पीएलएफ—2020 यानि कि समानांतर साहित्य उत्सव के आयोजन के समय खरीदा था। जब मैंने अपनी किताबों में से किसी एक किताब को चुनना चाहा तब मैंने विलियम शेक्सपियर की 21 अनमोल कहानियों को चुना।
जब इस किताब को खरीदा था तब ये नहीं सोचा था कि इसे पढ़ने का भी ऐतिहासिक समय होगा और अंक भी समान होंगे। यानि कि ''21 दिन का लॉकडाउन और शेक्सपियर की 21 अनमोल कहानियां''..। ये किताब इसी शीर्षक से प्रकाशित है।
ये बात अलग है कि मैंने आज शेक्यपियर की आखिरी कहानी 'भूल चूक माफ' यानि कि 21 वीं कहानी को ख़त्म किया है। ये कहानी जुड़वां बच्चों और बिछड़े माता—पिता की कहानी है। जिसमें अपनों से बिछड़ने का दर्द हैं और फिर सालों बाद एक विदेशी धरती पर सभी के मिल जाने का सुखद अहसास है। यानि कि हैप्पी एंडिंग..।
जब इस किताब को खरीदा था तब ये नहीं सोचा था कि इसे पढ़ने का भी ऐतिहासिक समय होगा और अंक भी समान होंगे। यानि कि ''21 दिन का लॉकडाउन और शेक्सपियर की 21 अनमोल कहानियां''..। ये किताब इसी शीर्षक से प्रकाशित है।
ये बात अलग है कि मैंने आज शेक्यपियर की आखिरी कहानी 'भूल चूक माफ' यानि कि 21 वीं कहानी को ख़त्म किया है। ये कहानी जुड़वां बच्चों और बिछड़े माता—पिता की कहानी है। जिसमें अपनों से बिछड़ने का दर्द हैं और फिर सालों बाद एक विदेशी धरती पर सभी के मिल जाने का सुखद अहसास है। यानि कि हैप्पी एंडिंग..।
आज इत्तेफ़ाक ही है जब मैंने ये प्रसंग लिखा है तब यानि आज 26 अप्रेल है और इसी दिन शेक्सपियर का जन्म दिवस भी है। इसीलिए मेरा लेखन आज प्रासंगिक हो गया है।
जो भी साहित्य जगत से जुड़े हैं या फिर साहित्यिक पठन पाठन में रुचि रखते हैं वे निश्चित रुप से शेक्सपियर के लेखन को भी जानते होंगे। अंग्रेजी भाषा में शेक्सपियर का वहीं स्थान हैं जैसा कि संस्कृत भाषा में महाकवि कालीदास जी का। शेक्सपियर एक विश्व प्रसिद्ध महान कवि एवं नाटककार थे। इनकी विभिन्न रचनाओं में 48 नाटक, 154 लघु काव्य एवं कई कविताएं शामिल है।
मुझे खुशी है कि आज मेरे पास अपनी बहुमूल्य किताबों के संग्रह में शेक्सपियर की ये अनमोल कहानियां भी शामिल है।