कवितालेखक/साहित्यकार हे नव-वर्ष प्रेरित करो हमें कवि/लेखक by teenasharma January 4, 2023 written by teenasharma January 4, 2023 ‘कहानी का कोना’ में पढ़िए लेखक/ कवि एवं भारतीय सेना में अहम पदों पर रहे रिटायर ‘कर्नल कौशल मिश्र’ की लिखी कविता, हे नव-वर्ष प्रेरित करो हमें…। स्वागत है, हे नव-वर्ष प्रेरित करो हमें —————————————— नव वर्ष में नव-नव कल्पनाएँ लेकर, क्यों नहीं मन को हमारे संजोए हम। स्वप्नों का ताना-बाना बुनें हम रोज़, साकार स्वप्न ये क्यों न कर लें हम। स्वागत है हे नव-वर्ष प्रेरित करो हमें, अपना भविष्य उज्ज्वल कर लें हम। त्याग दें हम अपनी सारी संकीर्णता, अपने मनों को विशाल कर लें हम। कर्नल कौशल मिश्र भर कर शक्तियाँ अपने मस्तिष्क में, अपने को क्यों न उन्नत कर लें हम। नव-वर्ष में नव-नव कल्पनाएँ लेकर, क्यों न मनों को हमारे संजोये हम। नव-वर्ष में रंजिशें हम समाप्त करें, अवैध हथियार सभी दफ़्न करें हम। सीमाओं को लेकर झगड़ा नहीं हो, वसुदेव -कुटुम्बकम अपना लें हम। माँ-बहनों कीं इज़्ज़त हम करें पूरी, अपने हृदय से उनको नमन करें हम। अपने कर्म करें हम देश निर्माण हेतु, लालच और लोभ को मिटा दें हम। नव वर्ष में नव-नव कल्पनाएँ लेकर, क्यों ने मनों को हमारे संजोए हम। अगर सौ करोड़ की विशाल शक्ति, इस देश की तरक़्क़ी में लगा दें हम। भूखा नंगा कोई देश में बचे ही नहीं, अगर भ्रष्टाचार व चोरी मिटा दें हम। सब शक्तियाँ हमारी विकास में लगे, अगर मनों को परिष्कृत कर लें हम। न ही हर रोज़ दंगे हो न ही कट्टे चलें, ग़र अपनी सोच में सुधार लायें हम। नव वर्ष में नव-नव कल्पनाएँ लेकर, क्यों न मनों को हमारे संजोए हम। यह नव वर्ष कर रहा है हमें सावधान, यह उचित समय अब जाग जाएँ हम। समय भागता है हरदम बड़ी तेज़ी से, समय से मिलकर क़दम बढ़ाए हम। हम रफ़्तार अपनी तेज़ क्यों नहीं करें, क्यों न नवीन तकनीकें अपनायें हम। समर्पित नेताओं का ही चुनाव करके, देश की लगाम समर्पण को सौंपे हम। नव-वर्ष में नव-नव कल्पनाएँ लेकर, क्यों न मनों को हमारे संजोए हम। लेखक परिचय— रिटायर ‘कर्नल कौशल मिश्र’ के कई लेख व रचनाएं विभिन्न पत्र—पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। हाल ही में इनका कविता संग्रह प्रकाशित हुआ हैं। जिसमें 108 कविताएं शामिल हैं, जो ख़ासतौर पर युवाओं को प्रेरित करती हैं। इन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद जयपुर के महावीर स्कूल में बतौर प्राचार्य के रुप में सेवाएं दी। कर्नल कौशल मिश्र को लेखन विधा विरासत में मिली थी। इनके पिताजी पं. यशपाल मिश्र एक लोकप्रिय ‘भजन रचनाकार’ थे और भाई पत्रकार होने के साथ ही एक साहित्यकार भी थे। कुछ अन्य कविताएं पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें— कविता ‘मां’ कविता दरवाज़े से जब ग़ज़ल निरुपमा चतुर्वेदी गूंगी कविता…. गढ़िए एक ‘झूठी कहानी’ —————————————- प्रिय पाठकगण, मुझे ख़ुशी हो रही है कि पाठकों की मांग पर ही ‘कहानी का कोना’ की ओर से ‘लेखक व साहित्यकार’ श्रृंखला—2 की शुरुआत की गई है। इसके लिए आप सभी से अपनी रचनाएं आमंत्रित हैं। चूंकि ‘कहानी का कोना’ आपका अपना ‘कोना’ है, इसीलिए आप सभी के लिए ये मंच खुला हैं। आप चाहे स्थापित लेखक व कवि हैं या फिर अभी—अभी ही आपने लिखना शुरु किया हैं। आप अपनी रचनाएं अवश्य भेजें…। इसका मकसद है रचनाकारों को मंच मिलें, और उनकी रचनाएं सुधि पाठकों तक पहुंचें। कृपया अपनी रचनाएं नीचे दी गई मेल आईडी पर भेजें— kahanikakona@gmail.com धन्यवाद टीना शर्मा ‘माधवी’ (एडमिन) newyearpoemकर्नल कौशल मिश्रकवितानव-वर्षभूखा नंगा 0 comment 0 FacebookTwitterPinterestEmail teenasharma previous post कुछ पन्ने इश्क़ next post मिलकर काम करें ‘लेखक—प्रकाशक’ Related Posts गर लफ़्ज़ों की दहलीज होती April 23, 2023 खुद के लिए जीना April 20, 2023 साहित्यकार सम्मान April 17, 2023 अपनत्व April 12, 2023 लघुकथा—सौंदर्य February 11, 2023 सन्दूक January 25, 2023 एक शाम January 20, 2023 ह से हिंदी January 18, 2023 गुटकी January 13, 2023 मिलकर काम करें ‘लेखक—प्रकाशक’ January 8, 2023 Leave a Comment Cancel Reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.