कहानियाँ मिसेज ‘लिलि’ by Teena Sharma Madhvi January 22, 2020 written by Teena Sharma Madhvi January 22, 2020 दुनिया में भी अजीबों गरीब लोग होते हैं। कभी वो हमसे तो कभी हम उनसे बिल्कुल भी मेल नहीं खाते। या यूं कहें कि विचारों में भिन्नता होती है। लेकिन जब ‘यूनिवर्सल बिहेवियर’ की बात की जाती है तो एक सामान्य सोच, विचार और व्यवहार की दरकार हर इंसान में अपेक्षित है। जैसे कोई आपसे नमस्कार करें तो उसका जवाब आप नमस्ते ही देंगे। कोई आपसे पूछे कि आप कैसे है? तो आप उसे यही कहेंगे कि मैं बढ़िया हूं। लेकिन कुछ लोग इस सामान्य व्यवहार से इतर होते हैं। ये लोग ख़ुद को सबसे बेहतर और अलग मानते है। वे सिर्फ अपने आपको देखते है, अपने आसपास वाले तो जैसे उन्हें नजर ही नहीं आते है। इनके इसी व्यवहार के कारण लोग इनसे ‘कट’ ले लेते है यानि कि एक दूरी सी बना लेते है। एक व्यक्ति का उसके व्यवहार के कारण समाज से ‘बॉयकॉट’ हो जाना एक बेहतर और प्रगतिशील समाज के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है। तभी तो बरसों पहले दार्शनिक अरस्तू ने कहा था कि..’ मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है’…। ये एक गहरा विचार है। जिसकी समझ उन कुछेक लोगों में नहीं है जो रहते तो इसी समाज में है लेकिन समाज के लोगों से परहेज रखते है। अब देखिए ना———पड़ौस की मिसेज ‘लिलि’ को। ये पति व जिम्मीके साथ रहती है। जिम्मी इनका पालतू कुत्ता है। मिसेज लिलि हमारी सोसाइटी में बेहद बदतमीज़ और ओवर स्मार्ट औरत के तौर पर जानी जाती है। ये एक कोचिंग क्लास चलाती है। ये बात अलग है कि इन्हें खुद उन विषयों की जानकारी नहीं है, जो इनकी कोचिंग में पढ़ाए जा रहे हैं। लेकिन टीचर्स को हायर करके इनकी प्रोफेशनल लाइफ चल रही है। सोसाइटी वाले इनसे इस कदर ख़फा है कि ये दिख जाए तो इन्हें नज़र अंदाज किए हुए निकल जाते है। इसकी वजह खुद लिलि है। जब भी इनसे कोई नमस्ते कहता ये अपनी भौंए तानकर सीधे निकल जाती। इन्हें सोसाइटी के किसी फंक्शन में इनवाइट किया जाए तो ये आने से साफ मना कर देती है। और खुदा ना खास्ता ये किसी फंक्शन में शामिल होने आ भी जाए तो इनकी बॉडी लैंग्वेज में बहुत अकडूपन होता है। और तो और चलते हुए फंक्शन को छोड़कर चली आती है। बाद में कहती है..मेरे कैडर का फंक्शन नहीं था..मेरे जैसे तमिज़दार लोग नहीं है..जाहिल गंवार है सारे के सारे…बेमतलब ही हंसते है…बच्चे कितने मस्ती खौर है…बेहुदा लोग….। सोसाइटी के लोग बहुत ही जेंटल है, वे मिसेज लिलि की बातों पर जवाब नहीं देते। लेकिन बार—बार उनके इस ख़राब व्यवहार को देखते हुए अब लोगों ने उनसे अच्छी खासी दूरी बना ली हैं। लोगों के लिए उनका होना नहीं होना अब कोई मायने नहीं रखता। लेकिन मुझे मिसेज लिलि के बुरे व्यवहार से बेहद फर्क पड़ रहा था। मेरी पड़ौसन जो थी वो…। मैंने ऐसे पड़ौसी की कल्पना तो बिल्कुल नहीं की थी जो बेहद ग़ुमान में हो और हमेशा मुंह फुलाए घुमती हो। मैं सोच रही थी कि, मैं एक बिजनेस वुमैन हूं और इससे कई गुना व्यस्त दिनचर्या है मेरी। लेकिन इतनी भी तो नहीं कि कोई सामने दिखे और मुंह फेर के चल दूं…। एक दिन लिफ्ट में मुझे बुजुर्ग दंपत्ती मिलें। उन्हें भी मेरी ही फ्लोर पर जाना था। उन्होंने मुझसे पूछा कि यहीं रहती हो बेटी? मैंने कहा— जी, आंटी। फिर उन्होंने बताया कि मेरी बेटी लिलि भी यहीं रहती है, हम उसी से मिलने आए है। कुछ दिन उसके पास ही रहेंगे। लिलि का नाम सुनकर मैं चौंक गई। इतने व्यवहारकुशल माता—पिता मिसेज लिलि के है! बस इतने में फ्लोर आ गई। ये बुजुर्ग दंपत्ती अकसर मार्निंग वॉक के वक़्त मुझे मिलते रहते थे। एक दिन मैंने देखा कि दोनों के चेहरे पर बेहद उदासी है। मुझसे रहा नहीं गया और उनके पास जाकर पूछा कि आप लोग ठीक है? क्या हुआ? इतने उदास क्यूं हैं आप लोग? पहले तो दोनों ने कुछ नहीं बताया फिर मैंने जब उन पर दबाव बनाया तो उनकी रुलाई फूट पड़ी। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी लिलि ने उन्हें अपने घर से निकलने को कहा है, और दुबारा यहां कभी नहीं आने को कहा है। मुझे लगा भला ये क्या बात हुई, मां—पिता से भी कोई इस तरह से पेश आता है। तब उन्होंने बताया कि लिलि नहीं चाहती कि हम सोसाइटी के लोगों से तालमेल रखें। वो कहती है, हमें किसी की जरुरत नहीं है, अभी मेरा एक डेकोरम है..लोग मुझसे बात करने से डरते हैं…आप लोग सोसाइटी में घुल मिलकर मेरा लैवल कम कर दोंगे। ये सुनकर मैं सन्न रह गई…। ये किस तरह की शिक्षा ली है मिसेज लिलि ने।जिन्हें कैडर और लैवल जैसे शब्दों के मायने ही नहीं पता? इस सोसाइटी में डॉक्टर, इंजीनियर, आईपीएस और बिजनेसमैन कैडर के लोग रह रहे है। फिर मिसेज लिलि तो एक मामूली सी कोचिंग क्लास चला रही है वो भी दूसरे टीचर्स के बूते। फिर इतना घमंड और इतना बेवजह का एटीट्यूड क्यूं? मिसेज लिलि के माता—पिता ने बताया कि उसे हर चीज़, हर व्यक्ति में कोई ना कोई ख़राबी नजर आती है। बचपन से ही उसके इस बुरे व्यवहार के कारण उन्हें कभी स्कूल में तो कभी घर—परिवार में या फिर कई सामाजिक मौको पर बेइज़्ज़त होना पड़ा है। ये कहते हुए मिसेज लिलि के माता—पिता चल दिए। लेकिन एक दिन जब मेरे घर की बैल बजी तो देखा कि गेट के बाहर एक महाशय खड़े है जो बेहद ही सुलझे हुए व्यक्तित्व के नज़र आ रहे थे। उन्होंने मेरे हाथ में एक लैटर देते हुए कहा कि ये आप मिसेज लिलि को दे दीजिएगा। मैंने उनसे पूछा कि आप कौन हैं सर? उन्होंने बताया कि वे मिसेज लिलि की कोचिंग में एक टीचर है और वे अब इसे छोड़ रहे है, क्यूंकि लिलि का व्यवहार बेहद तल्खी वाला है…वो सिर्फ अपनी ही बातें करती है…दूसरों की नहीं सुनती…। बाकी लोगों को अपने से कमतर समझना और उनके साथ बद्सलूकी से पेश आना…यही रवैया सभी के साथ है उनका। इसी व्यवहार के कारण मैं जा रहा हूं..। मैं फिर से सोच में थी…..आखिर क्या है ये औरत?एक रात मिसेज लिलि के घर से उनके कुत्ते के रोने और भौंकने की जोरो से आवाजें आ रही थी। मैंने सोचा कि पड़ौसी होने के नाते जाकर पूछूं कि आखिर क्या हुआ है? लेकिन इस बद्द़िमाग औरत के व्यवहार के कारण मैं रुक गई। उस रात मिसेज लिलि ने सोसाइटी में दो—चार लोगों को इंटरकॉम के जरिए संपर्क किया था और कुत्ते को अस्पताल ले जाने के लिए मदद मांगी थी। लिलि ने ये भी बताया कि उसकी कार सर्विसिंग पर गई हुई है। लेकिन सोसाइटी के लोग भी बुरी तरह से भरे पड़े थे। सभी ने कुछ ना कुछ बहाना बनाकर मिसेज लिलि को मना कर दिया। लिलि की हालत बेहद दयनीय थी, वो पहली बार सहज और एक विनम्र मु्द्रा में सभी को नज़र आई। सोसाइटी के लोगों ने एक—दूसरे को फोन कर रायशुमारी की। मिसेज लिलि की मदद करें या नहीं? फिर सहमति बनी कि मदद करनी चाहिए। वरना मिसेज लिलि और हमारे व्यवहार में क्या अंतर रह जाएगा। सोसाइटी के लोगों ने कुत्ते को अस्पताल पुहंचाया लेकिन तब तक उसने दम तोड़ दिया था। मिसेज लिलि बुरी तरह से रो रही थी। कभी ज़मीन पर सर पटकती तो कभी अपने कुत्ते को गले लगाकर रोती। लिलि के पति उसे बार—बार चुप कराते और दिलासा देते। लेकिन लिलि की तो जैसे पूरी दुनिया ही उजड़ गई थी। उसे डॉक्टर की एक ही बात खाए जा रही थी कि कुत्ते को सही समय पर ले आते तो शायद वो बच जाता। एक जानवर ने मरकर मिसेज लिलि को ये समझा दिया कि सही व्यवहार ही मानव की असल पूंजी है….। समाज में रहने वाले हर व्यक्ति को एक—दूसरे के साथ मानव व्यवहार करते हुए रहना चाहिए। यदि सोसाइटी और अपने आसपास के लोगों के साथ मिसेज लिलि का मानवीय व्यवहार होता तो एक नहीं कई लोग उनके कुत्ते को समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए खड़े हो जाते…। मिसेज लिलि लोगों को अपने बेवजह के आडंबरी व्यवहार से नजरअंदाज कर रही थी..आज समाज के लोगों की एक जरा सी नजरअंदाजी क्या हुई एक बेजुंबा ने अपनी जान गवां दी। शायद आपके ज़ेहन में भी ये ख़्याल हो कि, ‘ऐसी शिक्षा किस काम की है, जिसमें नैतिकता और व्यवहारकुशलता ना हो? एक—दूसरे के साथ हंस—बोलकर चलने में काहे का एटिट्यूट और डेकोरम….’। हम कौन होते है ख़ुद को सुपीरियर और अपने से कम ज्ञान रखने वाले, कम पैसा रखने वाले को गंवार और ज़ाहिल कहकर जज करने वाले…। हमारा व्यवहार ही तय करता है हमारे व्यक्तित्व को’। कुछ और कहानियां— लॉकडाउन में जीवन की ‘कोलाहल’ लॉकडाउन में ‘लेडी वॉरियर लॉकडाउन में धड़कता ‘खाकी’ का दिल 20 comments 0 FacebookTwitterPinterestEmail Teena Sharma Madhvi previous post तुलसी की पत्ती next post दीदी, ये गणतंत्र दिवस क्या है? 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Reply Teena Sharma 'Madhvi' January 22, 2020 - 4:22 pm thankuu so much…comment me apka name nahi he. plz apna name bhi send kigiyega. tali me jaan saku ki meri lekhni kise pasand aa rahi he. Reply Teena Sharma 'Madhvi' January 22, 2020 - 4:22 pm thankuu so much…comment me apka name nahi he. plz apna name bhi send kigiyega. tali me jaan saku ki meri lekhni kise pasand aa rahi he. Reply Teena Sharma 'Madhvi' January 22, 2020 - 4:23 pm thankuu so much…comment me apka name nahi he. plz apna name bhi send kigiyega. taki me jaan saku ki meri lekhni kise pasand aa rahi he. Reply Unknown January 22, 2020 - 5:04 pm Very nice story Tina ji– chanchal Agrawat Reply Teena Sharma 'Madhvi' January 23, 2020 - 9:04 am thankuu so much chanchal ji Reply Unknown January 24, 2020 - 11:44 am Its true nice Reply Teena Sharma 'Madhvi' January 24, 2020 - 5:05 pm thankuu so much Reply श्रद्धा February 3, 2020 - 7:31 am बहुत सुंदर। Reply Rakhi February 5, 2020 - 3:13 am V nice teena. Reply Teena Sharma 'Madhvi' February 6, 2020 - 3:17 pm thankuu di Reply Teena Sharma 'Madhvi' February 6, 2020 - 3:17 pm thankuu Reply Leave a Comment Cancel Reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.