Basant Panchami बसंत पंचमी

ज्ञान और रचनात्मक ऊर्जा का उत्सव

by teenasharma
Basant Panchami बसंत पंचमी

Basant Panchami बसंत पंचमी

Basant Panchami बसंत पंचमी यानी विधा, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती की पूजा—अर्चना करने का शुभ दिन। हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ महीने की शुक्ल पंचमी को बसंत पंचमी के नाम से जाना जाता है। जिसे ‘मां’ सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

विद्याधर सुपूजिता ॐ
विद्याधर सुपूजितायै नमः।

‘विद्या में सबसे अधिक शक्ति होती है, इससे संसार में सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है।”

Basant Panchami बसंत पंचमी


मां सरस्वती

इस दिन विद्या, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। संगीत की उत्पत्ति करने के कारण ये संगीत की देवी कहलाती हैं। सरस्वती को अच्छे व्यवहार, बुद्धिमत्ता, आकर्षक व्यक्तित्व, संगीत का प्रतीक भी माना जाता है। इस दिन विद्यार्थी और साधक बुद्धि, ज्ञान और कला की समृद्धि के लिए सरस्वती से प्रार्थना कर आशीर्वाद लेते हैं।

धार्मिक मान्यता के अनुसार बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती अवतरित हुई थी। इसलिए पंचमी का दिन बहुत शुभ माना जाता है।


”या कुन्देन्दु तुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।”

Basant Panchami बसंत पंचमी

शिव-पार्वती

बसंत पंचमी वह दिन भी है जब देवी पार्वती ने भगवान शिव की तपस्या भंग करने के लिए कामदेव को भेजा था।

एक अन्य मान्यता के अनुसार, ब्रह्मवैवर्त पुराण में लिखा है कि बसंत पंचमी के दिन भगवान श्री कृष्ण ने मां सरस्वती से प्रसन्न होकर ये वरदान दिया था कि प्रत्येक ब्रह्मांड में माघ शुक्ल पंचमी के दिन बड़े गौरव और सम्मान के साथ तुम्हारी पूजा—आराधना की जाएगी।

सरल शब्दों में बसंत पंचमी के दिन ज्ञान, समृद्धि और रचनात्मक ऊर्जा का उत्सव मनाया जाता हैं। बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का बहुत खास महत्व हैं।

इसलिए कहा जाता हैं कि, इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनकर मां—सरस्वती की पूजा करनी चाहिए। 

 

राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा

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