कवितालेखक/साहित्यकारस्त्री विमर्श गूंगी कविता…. by teenasharma May 27, 2022 written by teenasharma May 27, 2022 ‘कहानी का कोना’ में आज पढ़िए लेखिका, कवियित्री निरुपमा चतुर्वेदी ‘रूपम’ की लिखी कविता ‘गूंगी कविता’…। ‘मौन की चीत्कार’ से जन्मी ‘गूंगी कविता’ स्त्री मन की विभिन्न परतों को खोल उसके भीतर छुपे कई गहरें भावों की अनुभूति कराती है..। लेखिका निरुपमा चतुर्वेदी की मुख्य विधा – ग़ज़ल, मुक्तक और गीत हैं..। गूंगी कविता– ***** कितनी ही बार अपने अश्कों के समुंदर में नहायी हूँ कई बार चीखी व चिल्लाई हूँ ख़ुद को अभिव्यक्त करने , सही साबित करने के लिये पर कौन सुनता है सब ही तो बहरे हैं निरुपमा चतुर्वेदी ‘रूपम’ अन्याय करने वाला भी और न्याय की पुकार सुनने वाला भी आवाजों की अनसुनी में ढह जाती है विश्वास की दीवार खत्म होती जाती है रिश्तों की दरकार इस खींचातानी में साध लेती है मेरी प्रज्ञा मौन की चीत्कार वहीं से जन्म लेती है वह “गूंगी कविता” जो न सिर्फ़ बोलती है ज़्यादा है असरदार इसका दायरा भी है फैला हुआ, निःसन्देह देखा है हम सभी ने “गूंगी कविता” का चमत्कार!! तभी तो…. कहन से ज्यादा प्रभावी है क़लम की धार। निरुपमा चतुर्वेदी ‘रूपम’ जयपुर निरुपमा चतुर्वेदी ‘रूपम’ के कई साझा संग्रह प्रकाशित हुए हैं जिनमें ‘विहंग प्रीति के'(मुक्तक-संग्रह) गीतिका है मनोरम सभी के लिए (गीतिका संग्रह), साझा गजल संग्रह, काव्य- कुंज, अल्फाज़ के गुँचे, साहित्य-कुन्दन, अधूरी ग़ज़ल आदि शामिल हैं। इन्हें ‘गीतिका श्री’, ‘मुक्तक-शिरोमणि’, ‘काव्य-श्री’, ‘साहित्य-कुन्दन’ आदि सम्मानों से नवाज़ा गया हैं। वर्तमान में ये फेसबुक के कई मंचों पर सक्रिय होने के साथ ही कई साहित्यिक समूहों के साथ जुड़ी हुई हैं। ___________________________________________________ और भी कविताएं पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें— ‘प्रतीक्षा है कविता’… कविता ‘मां’ कविता ‘नई पौध’ कभी ‘फुर्सत’ मिलें तो… प्रिय पाठकगण, आपको ‘गूंगी कविता’ कैसी लगी, नीचे अपना कमेंट ज़रुर लिखकर भेजें। साथ ही ब्लॉग और इसका कंटेंट आपको कैसा लग रहा हैं इस बारे में भी अपनी राय अवश्य भेजें…। आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए बेहद अमूल्य हैं, जो हमें लिखते रहने की उर्जा देती हैं। धन्यवाद kavitaकवियित्री निरुपमा चतुर्वेदी 'रूपम'गूंगी कविता 6 comments 0 FacebookTwitterPinterestEmail teenasharma previous post ‘चपरकनाती’.. next post सवाल है नाक का Related Posts लघुकथा—सौंदर्य February 11, 2023 सन्दूक January 25, 2023 एक शाम January 20, 2023 ह से हिंदी January 18, 2023 गुटकी January 13, 2023 मिलकर काम करें ‘लेखक—प्रकाशक’ January 8, 2023 हे नव-वर्ष प्रेरित करो हमें January 4, 2023 कुछ पन्ने इश्क़ December 30, 2022 कहानी स्नेह का आंगन December 23, 2022 कहानी पॉप म्यूज़िक December 20, 2022 6 comments Akhilesh May 27, 2022 - 10:06 am कहन से ज़्यादा प्रभावी है कलम की धार।बढ़िया कविता। Reply teenasharma June 2, 2022 - 5:08 pm thakyu Akhilesh ji Reply נערת ליווי July 28, 2022 - 8:57 pm Itís difficult to find well-informed people in this particular subject, but you sound like you know what youíre talking about! Thanks Reply דירות דיסקרטיות חולון August 15, 2022 - 8:30 am Greetings! Very useful advice within this article! It is the little changes that produce the most significant changes. Thanks for sharing! Reply ग़ज़ल-निरुपमा चतुर्वेदी - Kahani ka kona December 16, 2022 - 3:04 am […] कहानी का कोना सवाल है नाक का गूंगी कविता…. ‘चपरकनाती’.. ‘इकिगाई’ कहानी […] Reply कविता—दरवाज़े से जब - Kahani ka kona December 18, 2022 - 4:22 am […] कहानी का कोना सवाल है नाक का गूंगी कविता…. ‘चपरकनाती’.. ‘इकिगाई’ कहानी […] Reply Leave a Comment Cancel Reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.