कवितालेखक/साहित्यकारस्त्री विमर्श कविता ‘नई पौध’ by teenasharma May 4, 2022 written by teenasharma May 4, 2022 ‘कहानी का कोना’ में आज पढ़िए कवियित्री डॉ. रानी तंवर की लिखी कविता ‘नई पौध’..। नारी शक्ति को समर्पित इस कविता में स्त्री के विभिन्न भावों की अनुभूति है..। डॉ. रानी तंवर हिन्दी व राजस्थानी भाषा की कवियित्री हैं। कविता लेखन में इन्हें ज्ञानी जैल सिंह जी से राष्ट्रपति पुरस्कार, मिर्जा गालिब सोसायटी से ‘मीर तकी सम्मान’, ‘मायड़’ आदि कई साहित्यिक सम्मान प्राप्त हो चुके हैं…। कवियित्री प्रधानाचार्या पद से सेवानिवृत्त हैं और वर्तमान में ‘राष्ट्रीय कवि संगम की प्रदेश महिला समन्वयिका’ एवं काव्य साधिका मंच की अध्यक्षा हैं। __________________________ कविता ‘नई पौध’ हम उफनती लहर हैं,क्यों बांधते? दे सको यदि, इक नवेली साध दो। बूंद को दिखला सको पथ सिंधुका फूल में यदिभर सको,नभ गंधका। प्रस्तरों को फोड़, बहने की तरंग। कंटकों के मध्य,खिलने की उमंग। डॉ.रानी तंवर हृदय कलि का मौन,खिलने के लिए। नव स्वरों का गान,नव सुप्रभात दो। हम उफनती लहर हैं,क्यों बांधते? दे सको यदि, इक नवेली साध दो। हम पखेरु गगन के उन्मुक्त हैं, कैद में हम गा न पाएंगे कभी। टूट जाएंगे सलाखों में उलझ, ये पुलकते पंख फड़केंगे कभी। बंधनों के पाश में, क्यों नापते? सुगति का बस एक आशीर्वाद दो। हम उफनती लहर है,क्यों बांधते? दे सको यदि,इक नवेली साध दो। हम बनेंगे सिंधु नवल सुगंधि के। हम खिलेंगे जगत उपवन में कभी हम नई हैं पौध हमको प्यार दो। सफल हों,मधुमास आएगा कभी। सुनो माली डाल को, क्यों काटते? एक विकसित प्रगति पुष्प प्रसाद दो। हम उफनती लहर है क्योंबांधते? दे सको यदि,इक नवेली साध दो। डॉ रानी तँवर कुछ और कविता पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें— ‘प्रतीक्षा है कविता’… ‘फटी’ हुई ‘जेब’…. ठहर जाना ऐ, ‘इंसान’….. यूं तेरा ‘लौटना’… सपनों की देह पर….. ___________________________ प्रिय, पाठकगण आपको ये कविता कैसी लगी, नीचे अपना कमेंट ज़रुर लिखकर भेजें। साथ ही ब्लॉग और इसका कंटेंट आपको कैसा लग रहा हैं इस बारे में भी अपनी राय अवश्य भेजें…। आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए बेहद अमूल्य हैं, जो हमें लिखते रहने की उर्जा देती हैं। धन्यवाद कविता 'नई पौध'डॉ.रानी तंवर 7 comments 0 FacebookTwitterPinterestEmail teenasharma previous post मंगला next post कविता ‘मां’ Related Posts बंजर ही रहा दिल August 24, 2024 रामचरित मानस यूनेस्को ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड’ सूची... May 15, 2024 पानी पानी रे October 30, 2023 समर्पण October 28, 2023 विंड चाइम्स September 18, 2023 रक्षा बंधन गीत August 27, 2023 पहली गुरु हमारी ‘मां’ July 4, 2023 उपन्यास ’उधड़न’ का लोकार्पण June 24, 2023 मीठे नीम से पिता June 18, 2023 गर लफ़्ज़ों की दहलीज होती April 23, 2023 7 comments Kumar Pawan May 5, 2022 - 10:08 am Thoughtful poem with full of emotions ☘️☘️☘️☘️ Reply teenasharma May 9, 2022 - 11:29 am thankyu pawan ji Reply तारावती सैनी "नीरज" May 6, 2022 - 12:09 pm कहानी का कोना ब्लॉग की सभी रचनाएं बहुत शानदार होती हैं यह भी बहुत अच्छी रचनाएं हैं। साथ ही ब्लॉग का कंटेंट बड़ा ही अच्छा है रचनाएं को बहुत अच्छे से पढ़ा जा सकता है। आपको बहुत बहुत बधाई। धन्यवाद Reply teenasharma May 9, 2022 - 11:28 am thankyu Taravati ji Reply कविता 'मां' - Kahani ka kona May 8, 2022 - 5:20 am […] कविता 'नई पौध' […] Reply गूंगी कविता - Kahani ka kona June 2, 2022 - 6:10 pm […] कविता 'नई पौध' […] Reply ग़ज़ल-निरुपमा चतुर्वेदी - Kahani ka kona December 19, 2022 - 10:26 am […] थे ‘संतूर के शिव’ कविता ‘मां’ कविता ‘नई पौध’ मंगला ‘प्रतीक्षा है कविता’… […] Reply Leave a Comment Cancel Reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.