बांडी नदी को ओढ़ाई साड़ी

अनूठी मिसाल: जयपुर, फागी

by teenasharma
बांडी नदी को ओढ़ाई साड़ी

बांडी नदी को ओढ़ाई साड़ी 

बांडी नदी को ओढ़ाई साड़ी भेंट की सुहाग की वस्तुएं। ये बिल्कुल सच हैं। असल में कई बरसों से सूनी व सूखी पड़ी बांडी नदी बारिश के पानी से लबालब भर गई वहीं,

दूसरी और फागी गांव की महिलाओं ने इस खुशी में बांडी नदी का बनाव श्रृंगार कर राजस्थानी रीति रिवाज़ व परंपरा की अनूठी मिसाल भी कायम की हैं।

बांडी नदी को ओढ़ाई साड़ी

बांडी नदी

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राजस्थान की बांडी नदी में एक अद्भुत नजारा देखा गया जिसने सभी को चौंका दिया। दरअसल, ये चौंकाना दो तरफा था।

एक तो ये कि कई बरसों से सूनी व सूखी पड़ी बांडी नदी बारिश के पानी से लबालब भर गई वहीं,

दूसरी और फागी गांव की महिलाओं ने इस खुशी में बांडी नदी का बनाव श्रृंगार कर राजस्थानी रीति रिवाज़ व परंपरा की अनूठी मिसाल भी कायम की हैं।

इतना ही नहीं गांव की महिलाओं ने बांडी नदी को साड़ी ओढ़ाई, कुमकुम लगाया व सुहाग की वस्तुएं भी भेंट की।

गांव की महिलाओं द्वारा निभाई गई इस पंरपरा ने प्रकृति के प्रति प्रेम को भी दर्शाया हैं। भारत में गंगा को भी माता यानी नदियों को मां का दर्जा दिया जाता हैं।

ऐसे में बांडी नदी में जैसे ही बारिश का पानी भरा तो गांव की महिलाओं ने इसे खुशहाली के तौर पर लिया और एक सुहागन के रुप में सुहाग की वस्तुएं भेंट कर अपनी खुशी को जाहिर किया। ये है हमारी परंपरा।

हमारा देश भारत। जिसे आज भी बखूबी निभाया जा रहा हैं। इस अनूठी व अद्भुत मिसाल की आज चारों और तारीफ हो रही हैं। इस दृश्य को जिसने भी देखा वो इसे वंदन करते नजर आया।

दरअसल, बांडी नदी राजस्थान के जयपुर जिले की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण नदी है। जो लगभग 30 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है।

ये नदी टोंक जिले में मिलने पर मानसी नदी की सहायक नदी के रूप में कार्य करती है जो चौमू तहसील की सामोद पहाड़ियों से निकलती है और टोंक जिले में प्रवेश करने से पहले शाहपुरा, चौमू, फुलेरा और फागी तहसीलों से होकर बहती है ।

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