छत्तीसगढ़ का भांचा राम

कहानी-प्रभु श्री राम

by teenasharma
छत्तीसगढ़ का भांचा राम

छत्तीसगढ़ का भांचा राम

रामलला को भांचा राम के नाम से पुकारते हैं। इसीलिए तो यहां पर कहा जाता है, छत्तीसगढ़ का भांचा राम…। इसी नाम की गूंज यहां के हरेक गली व मुहलल्लों में सुनाई पड़ती है।

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सबके प्रिय रामलला को यूं तो भक्तों द्वारा अलग—अलग नामों से प्रेमवश पुकारा जाता है। हर भक्त अपने—अपने तरीके से उन्हें पुकारते हुए उनकी प्रति अपना प्रेम दर्शाता हैं।

छत्तीसगढ़ का भांचा राम

प्रभु श्री राम

पर छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए तो प्रभु श्री राम का अलग ही नामकरण है। जो बच्चे, बड़े व बुढ़ों सबो की जुबां पर एक ही हैं। यहां के लोग रामलला को भांचा राम के नाम से पुकारते हैं।

इसीलिए तो यहां पर कहा जाता है, छत्तीसगढ़ का भांचा राम…। इसी नाम की गूंज यहां के हरेक गली व मुहलल्लों में सुनाई पड़ती है।

क्या आप जानते हैं कि प्रभु श्री राम को छत्तीसगढ़ में भांचा राम के नाम से पुकारा जाता हैं। दरअसल छत्तीसगढ़ के लोगों ने भगवान श्रीराम और माता कौशल्या का सदैव प्रेम और आशीर्वाद पाया है, यहां की माटी में आज भी वही दिव्यता है जो भगवान राम के चरणों से पवित्र हुई है।

छत्तीसगढ़ जिसे प्रभु श्री राम का ननिहाल माना गया हैं। इसलिए यहां पग-पग पर प्रभु श्री राम की यादें दिखाई पड़ती है। 

यही वजह है कि यहां के लोग उन्हें प्रेम स्वरुप भांचा राम पुकारते हैं। कृष्ण जन्माष्टमी पर प्रभु श्री राम का अपने ननिहाल से भेजा गया विशेष परिधान धारण करना छत्तीसगढ़ के जन-जन के लिए गर्व का क्षण था।

छत्तीसगढ़ का भांचा राम

प्रभु श्री राम

मामा गांव से भेजे गए परंपरागत वस्त्रों में सजे धजे ‘भांचा राम’ को देखकर छत्तीसगढ़वासियों का हृदय गर्व और आनंद से भर उठा। असल में ये सिर्फ वस्त्र ही नहीं हैं बल्कि यहां की संस्कृति, परंपरा, आस्था और भांचा राम के प्रति प्रेम व श्रद्धा का प्रतीक भी है।

असली स्वर्ण-चूर्ण से हस्तछपाई किए गए खादी सिल्क से बनें ये वस्त्र उन अनगिनत घंटों की मेहनत के साक्षी है, जो बस्तर के शिल्पकारों ने भगवान राम के प्रति अपनी अनन्य भक्ति में समर्पित करते हुए बिताए हैं।

राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा

राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा

राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा

 

 

 

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टीना शर्मा ‘माधवी’

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