कहानियाँलेखक/साहित्यकार कहानी स्नेह का आंगन लेखक by teenasharma December 23, 2022 written by teenasharma December 23, 2022 स्नेह का आंगन सूर्य को अर्घ्य दिया। लेकिन सिर उठाकर यह तक नहीं देख पाई, आसमान का क्या हाल है? गैस के एक बरनोल पर जल्दी-जल्दी सब्जी और दूसरे पर चपाती बनाई। पढ़िए नवोदित लेखक ‘एकता शर्मा’ की लिखी कहानी स्नेह का आंगन…। पढ़िए नवोदित लेखक ‘एकता शर्मा’ की लिखी कहानी स्नेह का आंगन…। सूर्य को अर्घ्य दिया। लेकिन सिर उठाकर यह तक नहीं देख पाई, आसमान का क्या हाल है? गैस के एक बरनोल पर जल्दी-जल्दी सब्जी और दूसरे पर चपाती बनाई। अब सीढ़ियों से नीचे उतरी ही थी कि सामने पार्क में बैठे अंकल ने कहां ।बेटा आज बादल ही बादल छाए हैं। तेज बारिश की संभावना है। क्या आपने छतरी रखी है? नो अंकल कहकर, मीनाक्षी फिर से लिफ्ट में गई और छतरी ना मिलने पर ,बैरंग ही बस का वेट करने लगी। 1 मिनट के अंतराल में ही उसकी बस छूट गई और वह स्कूल पहुंचने में लेट हो गई। बस स्टैंड पर उतरते ही उसकी नजर पास के स्टॉल पर पड़ी। जहां कुछ समाज सेवक बीमार असहाय ,बेघर गाय बैल और सांडो को आयुर्वेदिक औषधियां खिला रहे थे। लिम्पी जो फैल रहा है। एकता शर्मा देख कर अच्छा लगा । आज भी इंसानियत जिंदा है। आगे का रास्ता पैदल ही है। चारों और हरियाली ही हरियाली छाई है। सड़क के दोनों किनारे वृक्षों की कतार है और पास ही लहराते हुए खेत। कुछ दूरी से ही स्कूल की प्रेयर सुनाई दे रही है। हे शारदे मां… अज्ञानता से हमें टाल दें। समाप्त हो चुकी और अब प्लेज का टाइम है। India is my country all Indians are my brother and sister. इसे सुनकर मीनाक्षी अपने बचपन की स्कूल की यादों में खो गई । उसे याद आई वह घटना जब उसकी फ्रेंड ने प्रेयर में यह कहा था। भारत मेरा देश है। एक को छोड़कर समस्त भारतीय मेरे भाई बहन हैं। तभी हिरण जैसे कानो वाले यादव सर ने उसे डाटा । यह क्या प्रतिज्ञा बोल रही हो? ठीक से सुनो और बोलो। तब उसने मासूमियत भरे स्वर में कहा था। सर, सभी भारतीय मेरे भाई बहन होंगे तो शादी किससे करूंगी? और पूरे प्रांगण में हंसी का ठहाका गूंज उठा ।अगले ही पल गंभीर स्वर में सर ने सभी को चुप रहने की हिदायत दी। मीनाक्षी सोच रही है क्या वह गलत थी? तभी नन्हीं नन्हीं बारिश की बूंदे शुरू होने लगी। स्टाफ रूम में जाकर अपनी ड्यूटी का चार्ट देखा। पास खड़ी एक मैडम ने बताया । आज आपकी ड्यूटी रूम नंबर 15 में है मीनाक्षी ने पूछा ,वह कहां है? सेकंड फ्लोर पर जाइए मिल जाएगा। 3 घंटे का पेपर है। बच्चों को आंसर शीट और पेपर बांटा ही था की तेज बिजली की गर्जना से बिजली चली गई और उमस बढ़ गई। सामने की खिड़की खोली तो कुछ हवा के झोंके महसूस हुए। रिमझिम बारिश अब तीव्र हो गई है तभी सामने एक घर पर नजर गई एक खुला घर पक्के और कच्चे घर का मिश्रण जहां एक और टिन शेड लगा है। तो दूसरी तरफ एक श्वेत वर्ण अघन्या अकेली आंगन में बंधी खड़ी है ।थोड़ी दूरी पर उसका बछड़ा भी बंधा हुआ है। दूसरी तरफ निगाहें गई। तो देखा गली में कुछ बेघर, गाय ,सांड, श्वान इधर-उधर घूमते घूमते पास ही के टिन शेड के नीचे जमा हो गए। भिन्न-भिन्न प्रजाति के होकर भी संकट की इस घड़ी में वे एक दूसरे से सट कर खड़े हैं और एक दूसरे को स्नेह से सहला रहे हैं। मन ही मन प्रश्न करने लगी। अगर यह अघन्या बंधी हुई ना होती तो क्या यह भी भीगना पसंद करती? क्या हर बार बारिश में भीगना अच्छा लगता है? मन कर रहा था जाकर उसे खोल दूं। खुल गई तो क्या वह भाग जाएगी? और अगर ऐसा है तो जो खुले हैं क्या वह सब भाग गए? मन व्याकुल हो गया ,पर व्यवस्था और विवशता ने जकड़ लिया। एक तरफ ड्यूटी है ।दूसरी तरफ तरफ गाय से नजर ही नहीं हटती। तभी एक कहावत याद आ गई जो अक्सर दादी कहती थी ‘खुला चरे और बंधा मरे’……! अब 2 घंटे बीत गए। वह गाय अभी भी वही भीग रही है बिजली की तेज गर्जना में भी उसके रंभाने की आवाज मन को व्याकुल कर रही है । डर किसे नहीं लगता? जान तो सभी को प्यारी होती है। कोई पशु कब आवाज निकालता है ? शायद तब जब वह भूखा, प्यासा या किसी परेशानी में होता है। “कौन सा आंगन स्नेह का है?” लगता है इसका मालिक बाहर गया है। तभी क्लास में बैठे एक बच्चे ने प्रश्न पूछा। प्लीज मैडम एक क्वेश्चन समझ नहीं आ रहा । पूछो मीनाक्षी बोली। मैम क्वेश्चन “नंबर 4 व्हाई वी नीड ए हाउस?” एक हल्की सी मुस्कान चेहरे पर आई और इसका अर्थ खोजने लगी। सचमुच हमें घर की आवश्यकता क्यों होती है? उछलकर तपाक से सेकंड क्लास के एक बच्चे ने कहा, मैडम इसका उत्तर तो हमें भी पता है। तभी नोटिस आया आज स्टे बैंक है ।सभी को रुकना है। मीनाक्षी ने सोचा क्लास छोड़ने से पहले एक नजर असहाय अघन्या को देख लूं। उसी समय उसका मालिक आया और कुछ घास उसके आगे डालकर दूध निकालने लगा। कुछ जाना पहचाना सा चेहरा लगा। शायद यह वही आदमी है। जो बस स्टैंड पर लगे स्टाल पर समाज सेवा कर रहा था।मन में पुनः विचार उठा, क्या आंगन की अघन्या जो आंसू बहा रही है। उसे भी आरोग्य की औषधि मिली होगी? कहते हैं दूध देती गाय की तो लात भी सहन करनी पड़ती है लेकिन यह तो बेचारी चुपचाप दूध निकलवा रही थी । अब दोपहर के 3:00 बज गए। बस स्टैंड पर सामने ही मिष्ठान भंडार नजर आया। एक मैडम ने बर्फी खरीदी और सभी को खाने का निमंत्रण दिया? तभी मीनाक्षी मैडम ने मजाक में कहा ,यह बर्फी जो खोवे से बनी है। किसी की आजादी खोकर बनी है शायद,? ऐसी बर्फी को अब खाने का मन नहीं करता। अब इतना मीठा पसंद नहीं। उसे तो घर पहुंचने की जल्दी थी। चिंतित हैं,। बस अभी तक नहीं आई। तभी रास्ते से प्रिंसिपल गुजरी और मीनाक्षी को लिफ्ट मिल गई। वह सोच रही थी। यह संयोग है या सोच ? आभार व्यक्त कर आगे बढ़ी। गाड़ी से उतरते ही सबसे पहले आसमान पर नजर गई। मौसम खुल गया। नीले खुले आसमान से काले बादल अब छठ गए। सामने हरे-भरे पौधों पर बैठी नन्ही चिड़ियां अपने पंखों को सुखाकर चह चाह रही है। तो कुछ टूट चुके घरोधो को फिर से तिनका तिनका उठाकर बना रही है। सचमुच जब एक छोटी सी चिड़िया ही नहीं थकी तो मैं कैसे थक सकती हूं ? सोचकर मीनाक्षी बिना आराम किए फिर से अपने काम में जुट गई। लेखक एकता शर्मा जयपुर, राजस्थान कहानी पॉप म्यूज़िक ‘चरण सिंह पथिक’ “बातशाला” ‘मीत’…. कबिलाई— एक ‘प्रेम’ कथा…. भाग—2 ——————————————————————- प्रिय पाठकगण, पिछले दिनों ‘कहानी का कोना’ ब्लॉग की ‘लेखक व साहित्यकार’ श्रेणी के अंतर्गत लेखकों ने अपनी कहानियां व कविताएं भेजी। जिसे पाठकों ने बेहद पसंद किया और इस श्रृंखला को बेहद प्यार दिया। मुझे ख़ुशी हो रही है कि पाठकों की मांग पर ही ‘कहानी का कोना’ की ओर से ‘लेखक व साहित्यकार’ श्रृंखला—2 की शुरुआत की गई है। इसके लिए आप सभी से अपनी रचनाएं आमंत्रित हैं। चूंकि ‘कहानी का कोना’ आपका अपना ‘कोना’ है, इसीलिए आप सभी के लिए ये मंच खुला हैं। आप चाहे स्थापित लेखक व कवि हैं या फिर अभी—अभी ही आपने लिखना शुरु किया हैं। आप अपनी रचनाएं अवश्य भेजें…। इसका मकसद है रचनाकारों को मंच मिलें, और उनकी रचनाएं सुधि पाठकों तक पहुंचें। कृपया अपनी रचनाएं नीचे दी गई मेल आईडी पर भेजें— kahanikakona@gmail.com धन्यवाद टीना शर्मा ‘माधवी’ (एडमिन) hindikahaniyaआंगनएकता शर्माकहानी स्नेह का आंगनहिन्दी कहानियां 0 comment 1 FacebookTwitterPinterestEmail teenasharma previous post कहानी पॉप म्यूज़िक next post कुछ पन्ने इश्क़ Related Posts छत्तीसगढ़ का भांचा राम August 29, 2024 बंजर ही रहा दिल August 24, 2024 विनेश फोगाट ओलंपिक में अयोग्य घोषित August 7, 2024 रामचरित मानस यूनेस्को ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड’ सूची... 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