मीठे नीम से पिता

फादर्स डे

by teenasharma
मीठे नीम से पिता

आज ‘फादर्स डे’ हैं। यानी पिता को ये महसूस करवाने का दिन कि आप उनके लिए बेहद ख़ास हैं। पिता एक संबल हैं, दर्शन हैं, हौंसला हैं, एक भरोसा और विश्वास भी हैं। जिसने हर मुश्किल से मुश्किल चुनौती में भी हंसते हुए आगे बढ़ना सीखाया हैं। ‘कहानी का कोना’ में आज ‘फादर्स डे’ पर पढ़िए लेखक, कवि और सुबोध महाविद्यालय, जयपुर में अंग्रेजी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ नेहा पारीक की लिखी कविता मीठे नीम से पिता ….।

मीठे नीम से पिता

हर समय दुलारती है माँ
तो यथोचित लताड़ते हैं पिता
शायद ये जानकर कि इसी से उनकी औलाद बनेगी चीता।

माँ अगर है रंगोली आँगन की
तो पिता के बिना जीवन है रीता
जो माँ है स्नेह की तुरपन 

मीठे नीम से पिता

डॉ नेहा पारीक

तो पिता हर उधड़न को बखूबी है सीता
माँ के अटूट विश्वास से संबल मिला
तो पिता ने भी तो बहायी है सुख की सरिता
माँ ने समर्पण है सिखाया
तो पिता से पहाड़ सा अटल रहना सीखा
माँ से अक्सर है सुना कि
कैसे बच्चों की परवरिश में पिता का जीवन अभाव में बीता
इतिहास के गलियारों में अगर गर्व से एक ‘माँ’ चली है तो
उसके साथ एक पिता भी था।

 

डाॅ. नेहा पारीक

कुछ और रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें—

‘फटी’ हुई ‘जेब’….

खुद के लिए जीना

एक-एक ख़त…बस

गूंगी कविता….

‘पिता’ को बलिदान का तोहफा….

 

Related Posts

Leave a Comment

नमस्कार,

   ‘कहानी का कोना’ में आप सभी का स्वागत हैं। ये ‘कोना’ आपका अपना ‘कोना’ है। इसमें कभी आप ख़ुद की कहानी को पाएंगे तो कभी अपनों की…। यह कहानियां कभी आपको रुलाएगी तो कभी हंसाएगी…। कभी गुदगुदाएगी तो कभी आपको ज़िंदगी के संघर्षों से लड़ने का हौंसला भी देगी। यदि आप भी कहानी, कविता व अन्य किसी विधा में लिखते हैं तो अवश्य ही लिख भेजिए। 

 

टीना शर्मा ‘माधवी’

(फाउंडर) कहानी का कोना(kahanikakona.com ) 

kahanikakona@gmail.com

error: Content is protected !!