कविता मीठे नीम से पिता फादर्स डे by teenasharma June 18, 2023 written by teenasharma June 18, 2023 आज ‘फादर्स डे’ हैं। यानी पिता को ये महसूस करवाने का दिन कि आप उनके लिए बेहद ख़ास हैं। पिता एक संबल हैं, दर्शन हैं, हौंसला हैं, एक भरोसा और विश्वास भी हैं। जिसने हर मुश्किल से मुश्किल चुनौती में भी हंसते हुए आगे बढ़ना सीखाया हैं। ‘कहानी का कोना’ में आज ‘फादर्स डे’ पर पढ़िए लेखक, कवि और सुबोध महाविद्यालय, जयपुर में अंग्रेजी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ नेहा पारीक की लिखी कविता मीठे नीम से पिता ….। मीठे नीम से पिता हर समय दुलारती है माँ तो यथोचित लताड़ते हैं पिता शायद ये जानकर कि इसी से उनकी औलाद बनेगी चीता। माँ अगर है रंगोली आँगन की तो पिता के बिना जीवन है रीता जो माँ है स्नेह की तुरपन डॉ नेहा पारीक तो पिता हर उधड़न को बखूबी है सीता माँ के अटूट विश्वास से संबल मिला तो पिता ने भी तो बहायी है सुख की सरिता माँ ने समर्पण है सिखाया तो पिता से पहाड़ सा अटल रहना सीखा माँ से अक्सर है सुना कि कैसे बच्चों की परवरिश में पिता का जीवन अभाव में बीता इतिहास के गलियारों में अगर गर्व से एक ‘माँ’ चली है तो उसके साथ एक पिता भी था। डाॅ. नेहा पारीक कुछ और रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें— ‘फटी’ हुई ‘जेब’…. खुद के लिए जीना एक-एक ख़त…बस गूंगी कविता…. ‘पिता’ को बलिदान का तोहफा…. fathers dayडॉ नेहा पारीकपिता पर कविताफादर्स डेमीठे नीम से पिता 0 comment 2 FacebookTwitterPinterestEmail teenasharma previous post गर लफ़्ज़ों की दहलीज होती next post उपन्यास ’उधड़न’ का लोकार्पण Related Posts बंजर ही रहा दिल August 24, 2024 रक्षा बंधन गीत August 27, 2023 गर लफ़्ज़ों की दहलीज होती April 23, 2023 खुद के लिए जीना April 20, 2023 सन्दूक January 25, 2023 ह से हिंदी January 18, 2023 हे नव-वर्ष प्रेरित करो हमें January 4, 2023 कविता दरवाज़े से जब December 18, 2022 ग़ज़ल निरुपमा चतुर्वेदी December 16, 2022 गूंगी कविता…. May 27, 2022 Leave a Comment Cancel Reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.