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प्यार के रंग आज फिर होली का त्योहार है। उस होली के बाद मैंने फिर कभी रंग गुलाल के हाथ नहीं लगाया। पढ़िए शोभा रानी …
सन्दूक ‘कहानी का कोना’ में पढ़िए लेखिका दीप्ति मिश्रा की लिखी कविता ‘सन्दूक’…। इस सन्दूक में रखे एहसास आपको बुदबुदाएंगे तो कभी यादों की झिलमिल …
नमस्कार,
‘कहानी का कोना’ में आप सभी का स्वागत हैं। ये ‘कोना’ आपका अपना ‘कोना’ है। इसमें कभी आप ख़ुद की कहानी को पाएंगे तो कभी अपनों की…। यह कहानियां कभी आपको रुलाएगी तो कभी हंसाएगी…। कभी गुदगुदाएगी तो कभी आपको ज़िंदगी के संघर्षों से लड़ने का हौंसला भी देगी। यदि आप भी कहानी, कविता व अन्य किसी विधा में लिखते हैं तो अवश्य ही लिख भेजिए।
टीना शर्मा ‘माधवी’
(फाउंडर) कहानी का कोना(kahanikakona.com )
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