कला/संस्कृतिप्रासंगिकलेखक/साहित्यकारसाहित्य हलचलस्लाइडर रामचरित मानस यूनेस्को ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड’ सूची में महाकाव्य रामचरित मानस by teenasharma May 15, 2024 written by teenasharma May 15, 2024 रामचरित मानस यूनेस्को ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड’ सूची में भारतीयों के लिए ये गौरव का क्षण है जब महाकवि तुलसीदास जी द्वारा १६वीं सदी में रचित प्रसिद्ध महाकाव्य रामचरित मानस यूनेस्को ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड’ सूची में शामिल किया गया है। ———————- भारतीयों के लिए ये गौरव का क्षण है जब महाकवि तुलसीदास जी द्वारा १६वीं सदी में रचित प्रसिद्ध महाकाव्य रामचरित मानस की पांडुलिपि को यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रीजनल रजिस्टर में शामिल किया गया है। ग्रंथ व इसके रचयिता के प्रति एक सच्ची श्रद्धांजलि- यह निर्णय मंगोलिया की राजधानी उलनबटोर में हुई एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए विश्व की स्मृति समिति (मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड कमिटि फॉर एशिया एंड द पैसिफिक) की बैठक में लिया गया है। महाकवि तुलसीदास बैठक की मेजबानी मंगोलिया के संस्कृति मंत्रालय, यूनेस्को के लिए मंगोलियाई राष्ट्रीय आयोग और बैंकॉक में यूनेस्को क्षेत्रीय कार्यालय ने की थी। रामचरित मानस रामचरित मानस अवधी भाषा में लिखा गया है। इस महान कृति को ‘तुलसी रामायण’ या ‘तुलसीकृत रामायण’ भी कहा जाता है। जिसे भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान प्राप्त है। इसके अलावा पं. विष्णु शर्मा द्वारा रचित 15 वीं शताब्दी की पंचतंत्र दंतकथाएं एवं नौवीं शताब्दी में आचार्य आनंदवर्धन द्वारा लिखित ‘सहृदयालोक-लोचन’ की पांडुलिपियां भी यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रीजनल रजिस्टर में सम्मिलत की गई हैं। ‘रामचरितमानस’, ‘पञ्चतन्त्र’ और ‘सहृदयलोक-लोचन’ ये तीनों ऐसी कालजयी कृतियां हैं, जिससे भारतीय साहित्य व संस्कृति की छाप बड़ी गहराई से जनमानस पर पड़ी है। न सिर्फ भारत में बल्कि समूचे विश्व में इन कृतियों का असर पाठकों के दिलों दिमाग पर है। यूनेस्को द्वारा अपनी सूची में इन्हें शामिल किया जाना देश की समृद्ध साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षण देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जो इन रचनाओं के महान लेखकों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि भी है। जगन्नाथ मंदिर में ‘चंदन यात्रा’ उत्सव राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा गाथा: श्री घुश्मेश्वर महादेव राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा mangoliaramcharit manastulsidasunescounesco world herritage siteरामचरित मानस 0 comment 0 FacebookTwitterPinterestEmail teenasharma previous post नीमूचाणा किसान आंदोलन next post मनु भाकर ने जीता कांस्य पदक Related Posts लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन November 7, 2024 छत्तीसगढ़ का भांचा राम August 29, 2024 बंजर ही रहा दिल August 24, 2024 जन्माष्टमी पर बन रहे द्वापर जैसे चार संयोग August 24, 2024 देश की आज़ादी में संतों की भूमिका August 15, 2024 विनेश फोगाट ओलंपिक में अयोग्य घोषित August 7, 2024 बांडी नदी को ओढ़ाई साड़ी August 3, 2024 मनु भाकर ने जीता कांस्य पदक July 28, 2024 नीमूचाणा किसान आंदोलन May 14, 2024 जगन्नाथ मंदिर में ‘चंदन यात्रा’ उत्सव May 12, 2024 Leave a Comment Cancel Reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.