कविता ठहर जाना ऐ, ‘इंसान’….. by Teena Sharma Madhvi July 20, 2021 written by Teena Sharma Madhvi July 20, 2021 ‘ललाट’ पर जब घमंड तमतमाने लगे, ‘प्रेम’ की जगह कुटिल हंसी जब आलिंगन करने लगे..। ख़ुद ही की जब तारीफ़े पसंद आने लगे, औरों का ‘वजूद’ ही जब बौना लगने लगे…। तब ठहर जाना ऐ, ‘इंसान’ देख लेना अपना ‘गिरेबान’ भी कभी…। जिस पर जमा है बरसों का ‘मैलापन’ कहीं जो औरों को कम आंकते—आंकते अब बन चुका हैं ‘काई’…। ख़ुद की ‘सड़न’ भी सुंघ लेना कभी तभी महसूस होगी औरों की ‘ख़ुशबू’ कभी….। मत भटक फ़ितरतबाज़ी में, चार पल की ही तो हैं जिंदगानी…। जी भर जी लें, ख़ुद ही के अफसानों संग क्या ख़बर ‘इसका—उसका’ में ग़ुजर न जाए ये शाम मस्तानी…। ठहर जाना ऐ, ‘इंसान’ टीना शर्मा ‘माधवी’ 7 comments 0 FacebookTwitterPinterestEmail Teena Sharma Madhvi previous post ‘रबर—पेंसिल’ …. next post कबिलाई— एक ‘प्रेम’ कथा… भाग—3 Related Posts बंजर ही रहा दिल August 24, 2024 रक्षा बंधन गीत August 27, 2023 मीठे नीम से पिता June 18, 2023 गर लफ़्ज़ों की दहलीज होती April 23, 2023 खुद के लिए जीना April 20, 2023 सन्दूक January 25, 2023 ह से हिंदी January 18, 2023 हे नव-वर्ष प्रेरित करो हमें January 4, 2023 कविता दरवाज़े से जब December 18, 2022 ग़ज़ल निरुपमा चतुर्वेदी December 16, 2022 7 comments कैलाश मनहर July 20, 2021 - 4:39 pm सही कहन Reply Teena Sharma 'Madhvi' July 20, 2021 - 5:20 pm धन्यवाद सर Reply Secreatpage July 20, 2021 - 5:46 pm बढ़िया है Reply Teena Sharma 'Madhvi' July 21, 2021 - 5:49 am थैंक्यू Reply Anonymous August 11, 2021 - 4:02 am Nicely written thought Kumar Pawan Reply पुष्पेंद्र सिंह "मुसाफ़िर" September 5, 2021 - 9:03 pm बेहतरीन Reply कविता 'नई पौध' - Kahani ka kona May 4, 2022 - 4:52 am […] ठहर जाना ऐ, 'इंसान'….. […] Reply Leave a Comment Cancel Reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.